बाढ़ आपदा प्रबंधन की बैठक में बोली जिला कलक्टर– कुशल प्रबंधन से रोकी जा सकती है जान-माल की हानि

कोटपूतली-बहरोड़, 9 जून (भारत कुमार शर्मा) जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा कि बाढ़ एवं अन्य आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारियों की तैयारी इस प्रकार होनी चाहिए कि किसी भी समय किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। बाढ़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों में समन्वय होना चाहिए।
आपदा मैनेजमेंट प्लान के संबंध में दिए निर्देश- जिले में बाढ़ की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों व पूर्व तैयारियों के लिए बाढ़ आपदा प्रबंधन की बैठक जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। इसमें कलेक्टर ने कहा कि कुशल प्रबंधन से आपदा के दौरान जान-माल की हानि को रोका जा सकता है। बाढ़ एवं अन्य आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारियों की तैयारी इस प्रकार होनी चाहिए कि किसी भी समय किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने कहा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का अच्छे से अध्ययन कर उसके नियमों एवं प्रदत शक्तियों का पालन कर आमजन को तुरंत सहायता पहुंचाएं।
सूचना तंत्र को सक्रिय रखें - कलेक्टर ने सूचना तंत्र को सक्रिय बनाने के लिए पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक तथा अन्य कर्मचारियों का नेटवर्क तैयार कर सक्रिय रखने के निर्देश दिए ताकि आपदा की तुरंत सूचना प्राप्त हो और जल्द से जल्द राहत की कार्यवाही की जा सके। आपदा के समय प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए शासकीय भवनों एवं स्थानों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए ताकि अस्थायी शिविर बनाए जा सकें।
आवश्यक सेवाओं के लोगों के संपर्क सूत्र अपडेट रखें - कलेक्टर ने गोताखोरों, चिकित्सकों, प्लम्बर, नाव चालक, खाद्य आपूर्तिकर्ता आदि के मोबाइल नम्बर व अन्य संपर्क संबंधी जानकारी की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सम्पर्क किया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य अमले की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर, ओआरएस घोल, उल्टी दस्त की दवाइयां आदि पर्याप्त मात्रा में रखी जाएं। जिले में बाढ़ आपदा के समय पहुंचविहीन ग्रामों में दवाओं का स्टॉक व डॉक्टर्स की व्यवस्था पूर्व से ही की जाए।
कन्ट्रोल रूम में सजग व प्रशिक्षित कर्मिकों को ही तैनात करें- कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ एवं आपदा की सूचना के लिए जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम में सजग व प्रशिक्षित कर्मिकों को ही तैनात करें, जिससे समय पर सूचना प्राप्त हो सके व सहायता पहुंचाई जा सके। इसके साथ ही सभी अनुभागों में कन्ट्रोल बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपदा की तत्काल सूचना प्राप्त हो सके और राहत एवं बचाव की कार्यवाही की जा सके।
रिसोर्स की पहले से प्लानिंग तैयार कर लेवें - जिला कलेक्टर ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर रिसोर्स की पहले से प्लानिंग तैयार कर लेवें। जनरेटर, पंप सेट, मिट्टी कट्टे आदि की संख्या सूची पहले से तैयार रखें. आपदा प्रबंधन को लेकर जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाना है, उनके ड्यूटी ऑर्डर समय पर जारी कर देवें। उन्होंने कहा की संबंधित अधिकारी आपदा प्रबंधन को लेकर सिविल डिफेंस व होमगार्ड अपनी पूरी टीम के साथ सभी व्यवस्था रखें। इसके साथ ही विभागवार अधिकारियों को भी दायित्व सौपें। पूर्व के अनुभव से ऐसे स्थान जहॉ पर टापू बन जाता है वहॉ की कमियों को दुरुस्त कर व्यवस्था करें।
एसडीएम व विभागीय अधिकारी तैयारी पुख्ता रखें - उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में आपदा प्रबंधन को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन कर तैयारी पुख्ता रखें। अस्थाई शिविर कन्ट्रोल रुम, कैम्प, स्थानीय निकाय एवं थाने के नम्बर अनिवार्य रुप से सूचीबद्ध होना चाहिए।
संवेदनशील स्थानों की सूची तैयार कर विशेष कार्य योजना बनाएं - कलेक्टर ने आपदा मैनेजमेंट प्लान में आपदा की स्थिति में भोजन एवं पेयजल कैसे उपलब्ध होगा उसे भी शामिल करें। प्रभावित ग्रामों में बाढ़ संबंधी आपदा से राहत हेतु वहां उसके गांव के सरपंच, सचिव, पटवारी एवं शिक्षक के मोबाईल नम्बर उस तहसील के कन्ट्रोल रूम में एक बुकलेट के रूप में होना चाहिये । अधिकारी उन गांवों को अभी से ही चिन्हांकित कर सूची बना लेवे, जो नदी, नालों के किनारे है, एवं बाढ़ से प्रभावित हो सकते है। अतिवर्षा के समय प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने हेतु ऐसे स्थानों को चिन्हांकित कर सत्यापन कर लेवें। उन्होंने स्वायत शासन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मानसून के मद्देनजर शहरी क्षेत्रों में सीवरेज व ड्रेनेजे सिस्टम में सुधार करते हुए नालों कि सफाई नियमित रूप से कराएं जिससे कि जल भराव कि स्थिति उत्पन्न नहीं हो साथ ही जलभराव में दुर्घटना संभावित स्थलों कि जांच कर आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय समय रहते अपनाएं. उन्होंने कहा कि जिले में जर्जर व गीर्णासू भवनों को चिन्हित कर उन्हें संभावित आपदा में समय रहते खाली कराएं।
बैठक में इस दौरान एसडीएम कोटपुतली बृजेश चौधरी, एएसपी शालिनी राज, डीएसओ शशि शेखर शर्मा, प्रशिक्षु आर ए एस दिनेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे एवं सभी सभी एसडीएम वर्चुअली जुडे थे।






