अंकिता अग्रवाल की लुपिन ने कराई एसटीसी, लाॅकडाउन में चली गई पिता की नौकरी

पिता थे एक निजी प्राइमरी स्कूल के अध्यापक

Mar 21, 2021 - 18:49
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अंकिता अग्रवाल की लुपिन ने कराई एसटीसी, लाॅकडाउन में चली गई पिता की नौकरी

भुसावर (भरतपुर,राजस्थान/ रामचंद्र सैनी)  धौलपुर निवासी एवं भरतपुर जिले के उपखण्ड भुसावर के कस्वा में संचालित श्री आर्य महिला विद्यापीठ एसटीसी काॅलेज की एसटीसी द्वितीय वर्ष की छात्रा अंकिता अग्रवाल को लुपिन फाउन्डेशन भरतपुर के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता द्वारा आर्थिक मदद प्रदान की गई,जिस राशि का चैक धौलपुर जिला कलक्टर राकेश जायसवाल के द्वारा प्रदान किया गया। उक्त राशि को प्राप्त कर अंकिता अग्रवाल एवं उसके परिवार में खुशी के आंसू झलक आए और जिला कलक्टर जायसवाल व लाभार्थी के माता-पिता ने लुपिन के द्वारा संकट की घडी में आर्थिक मदद प्राप्त होने पर लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता को आमजन का मददगार बताया तथा उनकी सराहना की। श्री आर्य महिला विद्यापीठ एसटीसी काॅलेज के गुरूजी गिरीश गुप्ता ने बताया कि धौलपुर निवासी लाभार्थी अंकिता अग्रवाल साल 2019 से भुसावर के श्री आर्य महिला विद्यापीठ से नियमित एसटीसी कर रही थी,जिसके परिवार की आर्थिक हालत कमजोर थी,अंकिता अग्रवाल के पिता रामकिशोर अग्रवाल धौलपुर के एक निजी प्राइमरी स्कूल में अध्यापक थे,कोविड संक्रमण से मानव जीवन के बचाव को लगे लाॅकडाउन के समय नौकरी चली गई और बेरोजगार हो गए,जिनके सामने बिटिया अंकिता की पढाई की समस्या खडी हो गई और चिन्ता सताने लगी,जिसके मददगार बने लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता,जिन्होने अंकिता की पढाई वास्ते आर्थिक मदद स्वीकृत की,जिस राशि का चैक धौलपुर जिला कलक्टर राकेश जायसवाल के द्वारा प्रदान किया गया। लाभार्थी अंकिता अग्रवाल के पिता रामकिशोर अग्रवाल ने बताया कि 22 मार्च 2020 को भारत बन्द तथा दूसरे दिन से लाॅकडाउन लग जाने पर सरकारी व गैर सरकारी स्कूल बन्द हो गए,लाॅकडाउन की समाप्ति के बाद राज्य सरकार ने केवल प्राइमरी के स्कूलों को छोड कर कक्षा 6 वीं के बाद के स्कूल व काॅलेज खोल दिए,लेकिन आज भी प्राइमरी स्कूल बन्द पडे है,निजी प्राइमरी स्कूलों के बन्द होने से स्कूल संचालक वेतन व मानदेय नही दे रहे,जिससे आर्थिक संकट का सामना करना पड रहा है। अन्य काम मिला नही,जिससे बच्चों की स्कूल व काॅलेज की फीस जमा करा सके। पुत्री अंकिता अग्रवाल भरतपुर जिले के कस्वा भुसावर स्थित श्री आर्य महिला विद्यापीठ काॅलेज से एसटीसी कर रही है,जिसकी काॅलेज प्रबन्ध कमेटी ने पूरी फीस जमा कराने के निर्देश जारी किए,एक रिस्तेदार से उधारी लेकर समय पर एसटीसी द्वितीय वर्ष की फीस जमा करा दी,हमने लुपिन फाउन्डेशन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता एवं धौलपुर के लुपिन जिला प्रबन्धक सुबोध गुप्ता से दूरभाष पर परिवार की हालत से अवगत कराया और पुत्री अंकिता अग्रवाल की काॅलेज फीस का आग्रह किया। जिस पर दूसरे दिन घर व काॅलेज लुपिन की टीम ने पुत्री व हमसे सम्पर्क किया और फीय वास्ते 27 हजार की राशि का चैक प्रदान किया। संकट की घडी में लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता मददगार बने,जिन्होने पुत्री अंकिता अग्रवाल की पढाई में पूरा सहयोग प्रदान किया। जिसे हम कभी नही भूल सकते। लुपिन के सुबोध गुप्ता ने बताया कि लाभार्थी अंकिता अग्रवाल को लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने 27 हजार की आर्थिक मदद स्वीकृत की,जिसका वितरण धौलपुर जिला कलक्टर राकेश जायसवाल के द्वारा कराया गया। चैक वितरण के समय मुख्य कार्यकारी चेतन चैहान,पी.एम.ओ. डाॅ.समरवीरसिंह,उपखण्ड अधिकारी भारती भारद्वाज सहित शिक्षा विभाग के आलाधिकारी एवं अन्य समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

सीताराम जैसा तेरा नाम वैसा तेरा काम

राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्तकर्ता सेवानिवृत प्रधानाध्यपक 79 वर्षीय धु्रवचन्द शर्मा  एवं राज्य स्तरीय अवार्ड प्राप्तकर्ता सेवानिवृत प्रधानाचार्य 88 वर्षीय बाबूलाल पाण्डेय एवं  ने बताया कि लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता का जैसा नाम है,वैसा ही उनका काम है,ये निःस्वार्थ भाव से मानव सेवा करते है और गरीब व जरूरमन्द परिवार व व्यक्तियों की समय-समय पर आर्थिक मदद करते है और आपदा व अग्नि पीडित परिवार की सहायता भर करते है,गुप्ता ही भरतपुर जिले के सच्चे व ईनामदार व्यक्ति सहित आमजन के मददगार है,जिनकी सोच व विचार देश व समाज के भले की रहती है।

दुनियां में आज भी है मानवता

लाभार्थी अंकिता अग्रवाल के पिता रामकिशोर अग्रवाल ने बताया कि जिसका कोई नही है,उसका ईश्वर व अल्लाह ही रखवाला होता है,लाॅकडाउन के बाद संकट से भरा जीवन जी रहे थे,परिवार के लालन-पालन सहित बच्चों की पढाई-लिखाई की संकट के समय समस्या आ गई,हिम्मत नही हारी,संकट की घडी में अचानक लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता मददगार बने,जिन्होने हमको पुत्री की एसटीसी पढाई को पूरा कराने में आर्थिक सहयोग दिया,वह भी 24 घन्टे में। उन्होने कहा कि दुनियां में इंसान भूखा जागता अवश्य है,लेकिन सोता नही है,दुनियां में आज भी मानवता कायम है,जो हमने आंखों से देखी और मानवता प्राप्त हुई,ऐसी मानवता लुपिन संस्थान के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने दिखाई।

 प्राइमरी स्कूल खुले तो मिलेगा रोजगार

रामकिशोर अग्रवाल ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद से आज तक प्राइमरी स्कूल नही खुले,हम एक निजी प्राइमरी स्कूल में टीचर है,जो खुले तो हमे दुबारा रोजगार मिल जाऐगा। निजी स्कूल संचालक को बच्चे फीस अदा नही कर रहे,जिससे स्कूल संचालक ने अप्रेल 2020 से आज तक वेतन नही दिया,मार्च का वेतन भी आधा दिया,वह कहां से दे,उसके पास ही पैसा का अभाव है। घर जा कर बच्चों की कोचिंग करा परिवार का लालन-पालन कर रहे है।
 

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