किसानों की उपखंड के गांव नावर में हुई आमसभा: किसानों ने की सिंचाई पानी की माँग
वैर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) सिंचाई पानी से जुड़े मुद्दों को लेकर रविवार को कस्वा वैर के समीपवर्ती ग्राम नावर में अनेक गाँवों के किसानों की आमसभा आयोजित हुई। जिसमें सभी किसानों ने पाँचना बाँध के पानी का बँटबारा करने तथा बाणगंगा नदी को गम्भीर से जोड़ने की सरकार से माँग की ।
किसानों ने एकजुट होकर ईआरसीपी - पीकेसी के प्रथम चरण में ही भरतपुर की सूखी पड़ी नदियों को जोड़कर पानी पहुंचाने की जरूरत बताते हुऐ कहा कि बगैर पानी के स्थाई समाधान के खेती बर्बाद हो रही है । सभा में मौजूद किसानों ने सीता बाँध को विकसित कर बंध बारैठा पाइप लाईन स्कीम से जोड़ने तथा जीवद लालपुर बाँध को ईआरसीपी के पहले चरण में पेयजल के लिये भी शामिल किया जाये । सभी किसानों ने तय किया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो सभी मिलकर पानी और रोजगार के लिये संघर्ष करेंगे ।
जनसभा में भरतपुर के पूर्व सांसद और पानी आन्दोलन के अगुआ पंड़ित रामकिशन ने कहा कि देश में चुनाव सुधारों की जरूरत है और अधिक धन बल खर्च करने बालों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिये तथा जनता को भी चुनावों में ज्यादा खर्च करने बालों को हराना चाहिये । उन्होंने कहा कि देश में 157 खरबपतियों की सम्पत्ति देश की कुल 40 % आवादी की सम्पत्ति के बराबर पहुँच गई है जिससे आर्थिक गैरबराबरी बढ़ती जा रही है । पूर्व सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री भष्ट्राचारियों को भाजपा में शामिल करके भ्रष्ट्राचारियों को बढ़ाबा दे रहे है । उन्होंने कहा कि जहाँ किसान एमएसपी और कर्जा माँफी की माँग को लेकर संघर्ष कर रहे है जबकि केन्द्र सरकार ने 16 लाख करोड़ का उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया है । उन्होंने कहा कि सरकार कह रही हैं कि गरीबी कम हुई है तो फिर आयकर दाताओं की भी तो संख्या बढ़नी चाहिए केबल एक प्रतिशत लोग है आयकर दे रहे है । उन्होंने कहा कि सरकार को आयकर का दायरा बढ़ाकर उनसे मिलने बाले कर की धनराशि को मौसम परिवर्तनों से खेती पर पड़ने बाले विपरित प्रभावों के शोधकार्यो पर खर्च करना चाहिये ।
पूर्व सांसद पंड़ित रामकिशन ने कहा कि वर्षात के दिनों में ज्यादा पानी भर जाने से भी जनता का नुकसान होता है जैसे इस वर्ष अनेक गाँवों के चारों तरफ पानी भर गया था , ऐसे बर्षाती पानी के लिये भी सरकार को अलग से योजना बनानी चाहिये ।
पूर्व सांसद पंड़ित रामकिशन ने कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 13 जिलो को ईआरसीपी की योजना बना सकती है तो फिर वर्तमान मुख्यमंत्री दो नदियों को आपस में क्यों नहीं जोड़ सकते । उन्होंने कहा कि वाणगंगा नदी को गम्भीर से जोड़ने में कोई परेशानी और कानूनी अडचन नहीं है , किसी दूसरे राज्य की भी दखल नहीं है , इन दोनों नदियों को तो अपने भरतपुर जिले में जोड़ने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि पाँचना बाँध के पानी बँटबारा करने में भी सरकार को कोई अड़चन नहीं है ।फिर उसके बाबजूद भी सरकार इन कामों को क्यों नहीं कर रही ।
सभा में किसान नेता इन्दल सिंह जाट ने कहा कि अन्य जिलों के मुकावले भरतपुर जिला विकास के हर मापदण्ड में लगातार पिछड़ता जा रहा है ।यहाँ खेत को सिंचाई का पानी नहीं और नौजवान बेरोजगार घूम रहे है । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और टीटीजेड को समाप्त करने की जरूर बताते हुऐ कहा कि एनसीआर से लाभ नहीं है उल्टे जनता को तरह तरह के टैक्सों का नुकसान भुगतना पड़ रहा है।
किसान नेता इन्दल सिंह ने भरतपुर जिले में नौजवानों को रोजगार देने के लिये प्रदूषण रहित छोटे उद्योग धन्धे लगाने तथा खेती के लिये सिंचाई के पानी का प्रबंध करने की सरकार से माँग की । उन्होंने कहा कि हम वर्ष 2007 से लगातार पानी के लिये संघर्ष कर रहे है और अगर जरूरत होगी तो पानी के लिये आगे भी संघर्ष जारी रहेगा । उन्होंने कहा कि पानी की योजना ईआरसीपी - पीकेसी मंजूर हो गई है अब कार्य तेजगति से होना चाहिये । सम्पूर्ण जिले में सिंचाई और पीने के पानी का संकट है । उन्होंने सरकार से ईआरसीपी के हुए समझौता को सार्वजनिक करने की माँग करते हुऐ भरतपुर जिले को सिंचाई पानी और पेयजल की व्यवस्था प्रथम चरण में एक साथ करने की माँग की ।
उन्होंने कहा कि वगैर पानी के खेती मंहगी होती जा रही है , खेती में किसानों को कुछ नहीं बचता और केवल खेती पर आधारित किसानों पर लगातार कर्जा बढ़ता जा रहा है । उन्होंने कहा कि खाद , बीज ' डीजल , ट्रेक्टर ' कीटनाशक के मूल्य लगातार बढ़ते जा रहे है जबकि किसान को उसके उत्पादों का लाभकारी दाम नहीं मिलता । केन्द्र सरकार को जहाँ एमएसपी को कानूनी जामा पहनाकर खाद ' बीज ' दवाई के बढ़ते मूल्यों पर भी नियंत्रण लगाना चाहिये ।
किसानों ने जमीन की डीएलसी दरों को कम करने की माँग की ' और इसे किसानों का आर्थिक शोषण बताया । किसानों में आमसभा में कहा कि पानी के मुद्दे पर पूर्व सांसद पंड़ित रामकिशन और किसान नेता इन्दल सिंह जाट ही लम्बे समय से संघर्ष कर रहे है बाकी अन्य पार्टीयों के अधिकांश छोटे बड़े राजनेता सभी चुप्पी साधे बैठे है , ऐसे चुप रहने बाले नेताओं को भी पानी की आवाज उठानी चाहिये पानी किसी एक जाति धर्म की जरूरत नहीं है , पानी सभी की बड़ी आवास्यकता है । सभा में किसान नेताओं का स्वागत किया गया । आमसभा में पूर्व सरपंच त्रिलोकी नाथ शर्मा ' घनश्याम गाजीपुर ' सोहन सिंह गाजीपुर ' श्रीचन्द गुर्जर ' बल्ली राम गुर्जर ' जगदीश सिंह सरपंच ' रामस्वरूप सैनी ' सुमेर गुर्जर ' युवा नेता निरंजन सिंह ' भूरिया जाटब ' प्रेम सिंह ' रमेश जाटब ने अपने विचार प्रकट किये । आमसभा की अध्यक्षता सीताराम पंड़ित ने की ।