देव बाबा मेला भारतीय संस्कृति की पहचान- तोता राम प्रधान
वैर.... पूर्वी राजस्थान का सिंह द्वार कहलाने वाला जिला भरतपुर से साठ किलो मीटर दक्षिण पश्चिम में अरावली पर्वतमलाओं के बीच स्थित है। वैर उपखंड का गांव जहाज इस गांव जहाज के आने जाने के लिए एन एच 21 जयपुर भरतपुर से हलैना,हन्तरा,भुसावर,वैर आना पड़ता है। वही रेलवे सुविधा के लिए बयाना रेलवे जंक्शन से जयपुर की तरफ कस्वा वैर आना पड़ता है वहां से हिंडौन वैर सड़क मार्ग पर स्थित गांव बल्लभगढ़ के पास गांव जहाज पड़ता है ।
गांव जहाज बीहड़ जंगल में अरावली पर्वतमालाओं के मध्य स्थित है । कारिस देव मंदिर पर आने जाने के लिए घने जंगल और पर्वतमालाओ को चीरते हुए सड़क से होते हुए मंदिर तक आना जाना पड़ता है। गांव जहाज में श्री कारिस देव बाबा का मेला हर वर्ष आयोजित होता है। मेला का शुभारम्भ वेदमन्त्र व देव बाबा के जयकारों के साथ प्रारंभ हुआ ।मेला के मुख्य अतिथि उधोग पति तोताराम झालाटाला रहे। अध्यक्षता गांव मोलोनी के रामवीर गुर्जर ने की।
देव बाबा के सेवक निरपत सिंह गोठिया व ऊदल सिंह गोठिया ने बताया कि गांव जहाज के कारिस देव बाबा का मेला 25 अप्रेल से 10 मई तक लगेगा, इस बार मेला के चढावा की बोली करीब 18 लाख रूपए में लगी । आस्था का परवान ऐसा होता है कि भक्त जन पर्वत मालाओं को चीरता हुआ पैदल एवं साधनों से मंदिर तक पहुंचते है । मंदिर से लेकर पूरे रास्ते में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का जाप्ता तैनात रहता है ।
इस लक्की मेले में राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड,जम्मू-कश्मीर, केरल, भरतपुर, दौसा, करौली, बुलन्दशहर, फरीदाबाद ,ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, दौसा, अलवर, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, सवाईमाधोपुर, टोंक, अजमेर, झांसी आदि जिलों के सर्वाधिक भक्त आते है। कारिस देव के मेले में श्रद्धालु पूजा अर्चना कर अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते है।