राजस्थान में 15 दिनों तक चलेगा 'वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान'

अलवर (राजस्थान) कमलेश जैन
राजस्थान के कई क्षेत्रों में जल की कमी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण समस्या बनी रहती है। भू-जल स्तर के तेजी से घटने के साथ ही जलवायु परिवर्तन ने इस समस्या को और जटिल बना दिया है। पानी की कमी को दूर करने के लिए जल संरक्षण अतिआवश्यक है, जिसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेशभर में वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान की महत्वपूर्ण पहल की है। विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा (5 जून) के शुभ संयोग पर शुरू हुए इस अभियान के अंतर्गत 20 जून तक विभिन्न विभागों द्वारा प्रदेशभर में जल संरक्षण के व्यापक कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। इन कार्यों के माध्यम से आमजन को जल संरक्षण की महत्ता के प्रति जागरूक किया जाएगा, जिससे यह अभियान जन आंदोलन बन सकेगा।
कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यों का लोकार्पण
इस दौरान जल उपभोक्ता समूहों के कार्यक्रम, कैच द रैन कार्यक्रम और पेयजल स्रोत जैसे ग्राउंड लेवल रिजर्वायर और ऑवर हैड रिजर्वायर की साफ-सफाई की जाएगी। जल बचत हेतु जनजागृति अभियान, कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं स्वीकृति, जल उपयोग अंकेषण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता पर निबंध लेखन एवं नुक्कड नाटक आदि गतिविधियों का भी आयोजन भी किया जाएगा।
रात्रि चौपाल में होगी जल संरक्षण पर चर्चा
16 से 19 जून तक अभियान के अंतर्गत चारागाहों का चिन्हिकरण और पौधरोपण की तैयारी, राजीविका के ग्राम संगठन एवं सीएलएफ कार्यालयों में स्वच्छता अभियान के साथ ही मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत चयनित ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर रात्रि चौपाल आयोजित कर जल संग्रहण एवं संरक्षण पर चर्चा की जाएगी। साथ ही स्प्रिंकलर, ड्रिप, फार्म पॉण्ड, पाइपलाइन की स्वीकृति, अमृत 2.0 के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा साफ-सफाई कार्यक्रम एवं शहरी रोजगार योजना के अंतर्गत पौधरोपण की अग्रिम तैयारी आदि कार्य किए जाएंगे 20 जून को अभियान के समापन पर वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान के क्रियान्वयन में सहयोग करने वाले भामाशाह एवं संस्थाओं का सम्मान सहित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तावित किए गए हैं।






