राष्ट्रीय बाल दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय गोविंदगढ़ में जागरूकता शिविर आयोजित
विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मोहन लाल सोनी गोविंदगढ़ में दी कानून की जानकारी
गोविन्दगढ़, अलवर
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला एवं सेशन न्यायाधीश (जिला जज) हरेंद्र सिंह के आदेश पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश मोहन लाल सोनी की उपस्थिति में विधिक सेवा सप्ताह के छठे दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर सरस्वती पूजन किया गया । तालुका विधिक सेवा समिति के पी एल वी अनिल कुमार ने सचिव महोदय का साफा बांधकर स्वागत किया। स्वागत सत्कार के बाद नालसा थीम सॉन्ग एक मुट्ठी आसमान पर हक़ हमारा भी तो है के साथ कार्यक्रम का शुभा रंभ किया गया । विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर के न्यायाधीश ने राष्ट्रीय बाल दिवस के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बच्चों के मौलिक अधिकार, एवं संवैधानिक अधिकारों के सम्बंध में जानकारी दी ।
सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पारित किया जिसे 9 नवंबर 1995 को लागू किया गया इसलिए 9 नवंबर को विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाते हैं और इसी अधिनियम के तहत 5 दिसंबर 1995 को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा)की स्थापना हुई नालसा का उद्देश्य है कि समाज के सभी गरीब कमज़ोर वर्ग महिला, बच्चे, मानसिक एवं शारीरिक रूप से अस्वस्थ,अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, औद्योगिक कर्मकार, विधि से संघर्षरत बच्चे,जेलों में बंद कैदी,प्राकृतिक आपदा एवं जातीय हिंसा से पीड़ित लोगों को मुफ़्त कानूनी सलाह एवं सहायता प्रदान करना तथा राजीनामा योग्य प्रकरणों को लोक अदालत एवं मध्यस्थता केंद्र के माध्यम से सौहार्दपूर्ण तरीके से निस्तारण करना।इसी कानून के तहत राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुका स्तर पर तालुका विधिक सेवा समिति की स्थापना की गई।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के पैटर्न इन चीफ उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होते हैं एवं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर न्यायाधीश राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर कार्य करते हैं इसी प्रकार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पैटर्न इन चीफ एवं उच्च न्यायालय के सीनियर न्यायाधीश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन के तौर पर कार्य करते हैं जिला स्तर पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश अध्यक्ष एवं ए डी जे स्तर के अधिकारी सेक्रेट्री के तौर पर कार्य करते हैं तथा राज्य स्तर पर उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति एवं राष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति कार्य करती हैं।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि बाल विविवाह न सिर्फ़ सामाजिक अभिशाप है बल्कि कानूनन अपराध भी है। जिसके तहत बाल विवाह में सम्मिलित होने वाले घराती, बाराती, हलवाई, टेंट वाले, बैंड वाले, कार्ड छापने वाले प्रिंटर्स, फेरे कराने वाले पंडित एवं निकाह पढ़ाने वाले मौलवी भी 2 वर्ष तक की सजा एवं 1 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किए जा सकते हैं न्यायाधीश ने विद्यालय में स्टाफ एवं विद्यार्थियों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिलाई। इसके अलावा नकल विरोधी कानून, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009,बालकों का देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2000, कन्या भ्रूण हत्या अधिनियम एवं शारदा एक्ट 1929 ,बाल श्रम निषेध अधिनियम,बाल तस्करी रैगिंग निषेध अधिनियम आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
पीएलवी मुस्तफा खान ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 1977 में 42 वें संशोधन के जरिए अनुच्छेद 39 A जोड़ा गया जिसके तहत राज्य एवं केंद्र सरकार का दायित्व है कि सभी नागरिकों को उचित, निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया का पूरा लाभ मिले।
इसके अलावा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कमज़ोर वर्ग के लोगों के लिए 10 योजनाएं शुरू की गई एसिड अटैक से पीड़ितों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2 योजनाएं 2016 में शुरू की गई।नालसा द्वारा नागरिकों की मुफ्त सहायता हेतु टोल फ्री नंबर 15100 जारी किया है। एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा 9928900900 टोल फ्री नंबर जारी किया है।
इस अवसर पर तालुका विधिक सेवा समिति के पीएलवी अनिल कुमार, मंच संचालन मुस्तफा खान ने किया । अंत में प्रधानाचार्य उपमा गोयल ने न्यायाधीश एवं मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर के अमित अरोड़ा, हुकम गुर्जर उप प्रधानाचार्य प्रतिभा शर्मा, सारिका गुप्ता, हेमलता एवं अन्य अध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।