गीरजन के अस्तित्व को बचाना जरूरी - मीणा

टपकेश्वर महादेव चेचाली व ग्वार घाट काणेथ से अपना उद्गम बनाते हुए गंगा स्वरूप नदी आज भी अम्रत धारा के साथ बहने वाली गीरजन नदी गीरजन का देह बांध में आते हुए चार धाराओं सुरता नदी, टोडा की नदी के साथ मिल कर बुचारा के बांध की जलापूर्ति कर पावटा प्रागपुर, कोटपुतली के भू गर्भीय जल की आपूर्ति करने वाली गीरजन स्वमं अपने अस्तित्व को बचाने में असक्षम दिखाई दे रही है। नदी के पेटे की भुमि तन ग्राम पंचायत दिपावास, टोडा, मोकलवास , रामलयास की 180 हैक्टेयर भूमि को 50 वर्ष के लिए ओजस्वी मार्बल एण्ड ग्रेनाइट प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी को लिज़ पट्टा खनन के लिए दिया गया है।
नदी पेटे की भुमि पर खन्न प्रारम्भ करने को देख कर ग्रामीण ही नहीं अपितु यहां के वन्यजीव तथा वनस्पति भी अपने अस्तित्व को बचाने की पहल की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। नदी में खनन होने से 1.5 लाख पेड़ों की बलि के साथ लगभग लाखों वन्य व जलिय जीवों के नष्ट होने की सम्भावना है। गीरजन के किनारे बसे 18 गांवों की आजिविका, पशु धन के साथ यहां की पारिस्थितिकी सिस्टम बदलने से कोई रोक नहीं सकता। बढ़ते तापघात व बिगड़ते पारिस्थितिकी हालातों को देखते हुए नदी के अस्तित्व को बचाना जितना जरूरी है उतना खनन करना नहीं।
एल पी एस विकास संस्थान के प्रकृति प्रेमी राम भरोस मीणा ने जीवन जतन यात्रा के तहत् खनन पाइंट पर पहुंच कर नदी, वन्य जीवों, प्राकृतिक वनस्पतियों के स्वभाव तथा प्रकृति को जानना , ग्रामीण की आजिविका पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को समझने के साथ ही नदी को मां स्वरूप समझने तथा उसे बचाने की लड़ाई लड रही स्थानीय महिला तथा पुरुषों से रुबरु हुए जिसमें लाली देवी ने कहा की गीरजन हमारी मां है और हम भी मां हैं, इसलिए एक मां को बचाना मा का दायित्व होता है और वह हम निभायेंगी, पुर्व सरपंच हजारी लाल ने कहा कि हम नदी, पेड़, वन्य जीवों तथा हमारी आजिविका को बचाने के लिए आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं यथा स्थिति को देखने से जाहिर हुआ की यदि यहां खनन होता है तों प्राक्रतिक संसाधनों का बहुत बड़ा नुक्सान होगा जिसकी भरपाई करना मुश्किल हीं नहीं ना मुमकिन भी होगा, अतः खनन रोकना ही उत्तम होगा।यात्रा के तहत् भींवाराम, रणजीत, सुभाष, मामराज, कैलाश, लीला राम, बनवारी लाल, गीता, मन्नी, नीशु, पुनम, सुपयार, मैना देवी कौशल्या देवी सहित अनेकों ग्रामीण उपस्थित रहे।
- रामभरोस मीना






