खैरथल मे 18वां युवक-युवती परिचय सम्मेलन
श्री नामदेव रोहिल्ला टॉक क्षत्रिय विकास समिति ने किया आयोजन, बताया-एकता और प्रगति का संगम आयुष अंतिमा नेटवर्क
खैरथल (हीरालाल भूरानी) खैरथल में श्री नामदेव रोहिल्ला टॉक क्षत्रिय विकास समिति की ओर से 24 नवंबर को खैरथल के महावर भवन प्रांगण में 18वां युवक-युवती परिचय सम्मेलन और मिलन समारोह भव्यता से आयोजित किया गया। इस आयोजन ने समाज में नई ऊर्जा का संचार करते हुए एकता का संदेश दिया।
मुख्य आकर्षणः प्रतिभाओं का सम्मान समारोह के दौरान समाज के होनहार छात्र-छात्राओं को श्री नामदेव विशिष्ट योग्यता पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस पहल ने युवाओं के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दी और उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा दी। समारोह में मुख्य अतिथि सुभाष चंद रोहिल्ला (नई दिल्ली) ने समाज को प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने युवाओं को शिक्षा और सामूहिक प्रगति के महत्व पर बल देते हुए कहा, "संगठित समाज ही विकास की नींव है।" कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज के वरिष्ठ नेता मांगेराम बुला ने की।
अतिथियों की उपस्थिति से सजी शाम विशिष्ट अतिथियों में सतीश कुमार थेपड़ा, रघुवीर सिंह तावडू, राजेंद्र कुमार रोहिल्ला, मूलचंद कछोट, संतराम कश्यप, कैलाश चंद बर्दोड, सुरेंद्र कुमार, गिर्राज प्रसाद वर्मा और दिनेश कुमार जैसे गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
युवाओं के लिए अनूठा मंच इस सम्मेलन ने युवाओं को आपस में जुड़ने और अपने जीवनसाथी के चयन का अवसर प्रदान किया। समिति के प्रधान मोहनलाल टेलर ने कहा, "इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को सही दिशा देना और उन्हें समाज के लिए प्रेरित करना है।"
भविष्य की योजनाओं पर चर्चा - समारोह में समाज के विकास के लिए नई योजनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। वक्ताओं ने शिक्षा और सामूहिक उन्नति को प्राथमिकता देते हुए समाज को एकजुट रहने का संदेश दिया।
नेताओं और समाजसेवकों की भागीदारी समिति के सदस्य मोहनलाल, विजय रोहिल्ला, साधुराम, उपेंद्र कुमार, गिर्राज प्रसाद वर्मा, दिनेश डांगरा, मुकेश वर्मा, जगनप्रताप रोहिल्ला, गजेन्द्र सिंह रोहिल्ला और जितेंद्र रोहिल्ला ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एकता और प्रगति का प्रतीक बना सम्मेलन - यह कार्यक्रम न केवल परिचय का मंच बना, बल्कि समाज की प्रगति में मील का पत्थर साबित हुआ। प्रतिभाओं का सम्मान और समाज को संगठित करने की दिशा में यह पहल लंबे समय तक याद की जाएगी।