युवा दिवस पर विशेष: अपने सपनों का पीछा करो-स्वामी विवेकानंद
12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है इस दिन महान देशभक्त युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती है। उनका जन्म कोलकाता में इसी दिन 1863 को हुआ था, पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता हाई कोर्ट के प्रसिद्ध वकील थे। माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी जिसके कारण उनके घर पर कथा वाचन भजन कीर्तन चलते रहते थे पारिवारिक वातावरण का असर स्वामी विवेकानंद के जीवन पर पड़ा। बचपन से ही वे आध्यात्म व सनातन की ओर मुड़ गए। उनका बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। खेतड़ी के राजा अजीत सिंह ने उन्हें स्वामी विवेकानंद नाम दिया। 1863 में शिकागो के प्रसिद्ध धार्मिक सम्मेलन में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया मुश्किल से उन्हें बोलने के लिए 2 मिनट का समय दिया गया किंतु संबोधन उन्होंने अमेरिका के भाइयों बहनों से शुरू किया तो तालियों की गड़गड़ाहट रुकी नहीं।शिकागो के धार्मिक सम्मेलन में भाग लेने हेतु खेतड़ी के राजा अजीत सिंह ने उनकी पूरी व्यवस्था की तथा राजस्थानी साफा चौगा कमरबंद भेंट किया जिसे जिसे पहन कर उन्होंने संबोधन दिया।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1984 को युवा वर्ष के रूप में मनाया गया तब से 12 जनवरी को युवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। करोड़ों युवा उन्हें अपना आदर्श मानते हैं वे कहते थे अपने सपनों का पीछा करो उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य हासिल नहीं हो । आज युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानंद के पद चिन्हों पर चलकर अपने जीवन को कामयाब कर सकती है।
- सुमेरसिंह राव