संस्थाप्रधान विद्यालय प्रबन्धन में विद्यार्थी हित सर्वोपरि रखे - उपखण्ड अधिकारी कालूराम

सुमेरपुर (बरकत खान) राजकीय एवं निजी विद्यालयों के संस्थाप्रधानों को अपने विद्यालय का प्रबन्धन करते समय विद्यार्थी हित को सर्वोपरि रखना चाहिये। यह विचार सुमेरपुर के उपखण्ड अधिकारी कालू राम कुम्हार ने सुमेरपुर ब्लॉक की दो दिवसीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय संस्थाप्रधान सत्रांत वाकपीठ के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए प्रकट किये। उन्होनें बताया कि राजकीय एवं निजी विद्यालय के संस्थाप्रधानों का दायित्व है कि वे विद्यालय संचालन के दौरान राजकीय आदेशों निर्देशों की पालना के साथ-साथ अध्ययनरत विद्यार्थी के हित को केन्द्र में रखते हुए संस्था का प्रबन्धन करे ताकि विद्यार्थी को अधिकाधिक लाभ मिल सके। उन्होनें ड्रॉपआउट होने वाले बच्चों की भी अच्छी ट्रेकिंग की आवश्यकता की बात कही। उन्होनें सत्र में दो बार विभागीय बिन्दुओं पर विचारविमर्श करने एवं अपने अनुभव व समस्याएं साझा करने हेतु वाकपीठ आयोजित करने की शिक्षा विभाग की व्यवस्था की भी सराहना की।
सुमेरपुर के पंचायत समिति सभागार में सुमेरपुर ब्लॉक के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्थाप्रधानों की दो दिवसीय सत्रांत वाकपीठ का आयोजन 17 एवं 18 फरवरी को किया गया। वाकपीठ अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि इस दो दिवसीय वाकपीठ में सुमेरपुर ब्लॉक के विभिन्न राजकीय एवं निजी विद्यालयों से 62 संभागियों ने भाग लिया। वाकपीठ सचिव राजीव चारण ने बताया कि इन दो दिवसों में शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रासंगिक 10 विषयों पर प्रबुद्ध वार्ताकारों द्वारा ज्ञानवर्धक वार्ताएं प्रस्तुत की गई। प्रत्येक वार्ता के अंत में संभागियों की प्रश्नों एवं शंका समाधान हेतु 5 मिनट का ओपन सेशन आयोजित किया गया। इस अवसर पर आगामी वाकपीठ तक सेवानिवृत होने वाले संस्थाप्रधानों का भी बहुमान किया गया। दोनों दिवसों में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी धन्नाराम सोलंकी, सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी परबत सिंह राठौड़, सेवानिवृत उपनिदेशक मोहनलाल सोनी का सानिध्य रहा। इस अवसर पर सुमेरपुर ब्लॉक से नवपदोन्नत जिला शिक्षा अधिकारी गजेन्द्र सिंह राणावत एवं किशोर बी. परमार का भी बहुमान किया गया। द्वितीय दिवस को समापन सत्र में नवीन कार्यकारिणी का चुनाव भी सम्पादित किया गया।






