राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल, 61 अपात्र परिवारों को दिया नोटिस
जिले में अब तक 1620 परिवारों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाये

भरतपुर (25, फरवरी/ कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) खाद्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र परिवारों को अपना नाम स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा सूची से हटाने के लिए 5 दिसम्बर 2024 से गिवअप अभियान प्रारम्भ किया गया था। अपात्र लाभार्थी स्वेच्छा से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ दें अन्यथा 28 फरवरी के बाद 27 रूपये प्रति किलो के हिसाब से खाद्यान्न की वसूली की जायेगी।
जिला रसद अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया है कि ऐसे परिवार जिसमें कोई आयकरदाता हो, जिसका कोई सदस्य सरकारी, अर्धसरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं में कर्मचारी अथवा अधिकारी हो और एक लाख रूपये से अधिक की वार्षिक पारिवारिक आय तथा परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (टैक्ट्रर आदि जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोडकर) ऐसे लाभार्थी अपात्रता की श्रेणी में आते हैं।
उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा पात्रता नहीं रखने वाले लाभार्थी परिवारों हेतु खाद्य सुरक्षा योजना से स्वेच्छा से अपना नाम हटाने के लिये गिवअप अभियान चलाया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे परिवारों द्वारा खाद्य सुरक्षा से अपना नाम स्वेच्छा से पृथक करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करने पर उनका नाम खाद्य सुरक्षा योजना से पृथक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा में से नाम हटवाने के लिए आवेदन पत्र उचित मूल्य की दुकान पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 1620 परिवारों के 6220 व्यक्तियों के नाम गिवअप अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा सूची से हटाये जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि अनेक परिवार अपात्र होने के बावजूद भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से नाम नहीं कटवा रहे है, ऐसे लोगो के खिलाफ विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जा रहा है। अब तक ऐसे चिन्हित अपात्र 61 परिवारों को नोटिस जारी कर 7 दिवस में स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा अन्य अपात्र परिवारों को चिन्हित कर उसको नोटिस जारी किए जाऐंगे।






