ग्रामीण उद्यामिता कृषि विकास योजना के तहत विद्यार्थियों ने किया रोगिंग का कार्य

भरतपुर, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) कृषि महाविद्यालय भुसावर के कृषि फार्म पर ग्रामीण उद्यामिता कृषि विकास योजनान्तर्गत गुरूवार को विद्यार्थियों ने गेहू फसल में रोगिंग का कार्य किया।
महाविद्यालय के डीन डॉ. उदय भान सिंह ने बताया कि किसान अपने खेत में गेंहू, सरसों, जौ, चना आदि फसलों का स्वयं के खेत मे बीजोत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उन्हे स्वयं के खेत मे बीजोत्पादन हेतु फसलों में रोगिंग अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि रोगिंग प्रक्रिया में फसल में अन्य किस्म तथा रोगी पौधांे को उखाड़ कर अलग किया जाता है। जैसे गेंहू की राज 4238 किस्म का बीजोत्पादन कर रहे हैं तो उसमें अन्य किस्म के पौधों को उखाड देना चाहिए ताकि शुद्ध बीजोत्पादन हो।
उन्होंने बताया कि इन फसलों में फूल, बाली, फली, पौधे की ऊंचाई आदि के आधार पर पौधो की पहचान कर भिन्न पौधों को उखाड़ कर अलग किया जाता है साथ ही फसलों में रोगी पौधांे को भी उखाडना चाहिए। उन्होंने बताया कि विशेषतः गेंहू व जौ में कंडुआ ग्रसित पौधांे को उखाड कर मिट्टी में दवा देना चाहिए ताकि स्वस्थ बीज पैदा हो सके। गेंहू में यदि जौ के पौधे हों तो उन्हंे भी उखाड दंे। उन्होंने बताया कि इस तरह किसान स्वयं का बीजोत्पादन कर बाजार के मंहगे बीजों से बच सकता है तथा अपने खेत में पैदा किया गया बीज बाजार के बीज के बजाय ज्यादा विश्वसनीय होता है।






