जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत 353 लाख रूपये की लागत से गढ़ींसवाईराम मे बन रही पेयजल टंकी व पांच ट्यूबवेल
रैणी (अलवर) महेश चन्द मीना
अलवर के रैणी-उपखंड क्षेत्र के गढ़ीसवाईराम कस्बे की पेयजल व्यवस्था को और बहतर बनाने के लिए जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत जल स्वच्छता समिति की देख रेख मे 353 लाख रूपये की लागत से राजीव गांधी सेवा केन्द्र के पास बने श्मशान भूमी मे चार लाख लीटर पानी की क्षमता वाली टंकी व एक पंप हाउस तथा कर्मचारियो को रहने को क्वार्टर तथा ग्राम पंचायत के अहीरबास मे पहाड़ी पर एक लाख लीटर क्षमता वाली एक टंकी तथा कस्बे के ही बडा बैरवा मौहल्ला स्थित धमक रेवड़ा पर पचास हजार लीटर की पानी की टंकी का निर्माण हो रहा है।
इसी राशि मे से पांच ट्यूबवेल स्वीकृत है जिनमे से तीन ट्यूबवेलो मे पर्याप्त पानी है तथा दो ड्राई निकल गये। पीएचईडी विभाग रैणी के एईएन कपिल मीना व जेईएन भरतलाल मीना ने मिडिया को बताया कि इन तीनो पानी की टंकीयो के भराव के लिए पंप हाउस से नई लाईन डाल कर जोड़ा जायेगा तथा कस्बे मे जहाँ भी क्षतिग्रस्त लाईन होगी वो भी बदली जायेगी।
तीन ट्यूबवेल और तीन पेयजल टंकी पहले से ही संचालित है।
पीएचईडी जेईएन भरतलाल मीना ने बताया कि गढ़ीसवाईराम कस्बे की पेयजल व्यवस्था के लिए पहले से तीन टंकी बनी हुई है तथा तीन ट्यूबवेलो से पानी की सप्लाई होती है। तथा कस्बे का कुछ हिस्सा ट्यूबवेलो से डायरेक्ट सप्लाई से जोडा हुवा है। अब नये निर्माण के बाद कस्बे मे 6 ट्यूबवेल और 6 पानी की टंकी हो जायेगी जिससे कस्बे मे पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी।
45 वर्ष पहले भामाशाह के आर्थिक सहयोग से शुरू हुई कस्बे मे जल योजना भी चल ही रही है।
आपको बता दे कि 45 वर्ष पहले कस्बे के ही भामाशाह रामधन अग्रवाल (डंक्या) के आंशिक (कुछ)आर्थिक सहयोग से जल योजना का शुभारम्भ हुआ था और तब से आज तक सतत रूप से योजना चली आ रही है। वैसे प्राकृति/भगवान/परमात्मा की कृपा नही होने से (अकृपा के चलते) वर्षा कम होने से पानी की हर जगह कमी आयी है फिर भी गढ़ीसवाईराम कस्बे की तो पेयजल व्यवस्था वर्तमान मे भी ठीक सी ही है।
इनका कहना है कि :- गढ़ीसवाईराम कस्बे मे काफी समय पहले से जो लाईन डली हुई है वो जहॉ से भी लीक अथवा क्षतिग्रस्त है या चोक हुई है तो उसे हटा कर उसकी जगह पर नई लाईन डाली जायेगी तथा नई स्कीम से जोडने के बाद कस्बे मे पेयजल की किसी प्रकार की परेशानी नहीं रहेगी तथा हर घर मे पर्याप्त रूप से पानी मिल सकेगा।
कपिल मीना , एईएन जलदाय विभाग रैणी