प्रतिबंधित अरावली पर्वत काटकर, नागल खनन जॉन से जोडा रास्ता: हरियाणा वन अधिकारी ने माफिया पर 99 लाख का लगाया जुर्मना
खनन माफियाओं ने रसूखदार व सफेद पोसी की मिलीभगत से नागल क्रशर खनन जॉन से हरियाणा के अरावली पर्वत को काटकर अवेध रास्ता हरियाणा के बस्सी से जोड दिया है।जो राजस्थान के अवैेध पत्थर की निकासी का माध्यम बनेगा।हरियाणा के वन विभाग ने कुछ लोगो को नोटिस भी थमा दिए हेै।लेकिन राजस्थान के सम्बधिंत विभाग चुपी साधे हुए है
पहाड़ी,डीग।
खनन माफियाओं ने रसूखदार व सफेद पोसी की मिलीभगत से नागल क्रशर खनन जॉन से हरियाणा के अरावली पर्वत को काटकर अवेध रास्ता हरियाणा के बस्सी से जोड दिया है।जो राजस्थान के अवैेध पत्थर की निकासी का माध्यम बनेगा।हरियाणा के वन विभाग ने कुछ लोगो को नोटिस भी थमा दिए हेै।लेकिन राजस्थान के सम्बधिंत विभाग चुपी साधे हुए है।
खनन क्षेत्र के जानकारो के मुताबिक पहाडी के खनन जॉन में अवेध करोबार का धंधा बंद होने का नाम नही ले रहा है। जिससे खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है।उसके पीछे सत्ताधारी नेता से लेकर स्थानिय प्रशासन की इच्छा शक्ति का नही होना है।जिनके रसूखात के चलते अवेध करोबार पर अंकुश लगना सम्भव नही है। गत दिनो हरियाणा-राजस्थान के खनन माफियाओं के गठजोड ने हरियाणा के प्रतिबंधित अरावली पर्वत को काटकर बस्सी (हरि.गांव) रास्ते में मिला दिया गया है।
सूत्रो की माने तो खनन से जुडे एक ठेकेदार ने हरियाणा के एक नेता की मिलीभगत से ग्रेवल सडक निर्माण को अंजाम दिया गया है।जिसमें राजस्थान सरकार एक नुमाइनदे की अहम भूमिका बताई जा रही है।
इन रास्तो पर नजर - खनन माफिया की नजर गांधानेर के चारागाह पहाड के समीप सरकारी बांध की पाल पर गत माह पाल को तोडकर समतल कर सडक का निर्माण राजस्थान के वन विभाग के कर्मीयो की माध्यम से बना दिया था। जिसका मकसद भी हरियाणा को जोडना हैताकि अवेध खनन का पत्थर सुगमता से बडडे के रास्ते हरियणा को जा सके।इसी तरह से छपरा के सुजात के खोडा नाम के पहाड को खनन माफिया ओ ने आरपार कर हरियाणा का रास्ता जोड दिया है।यह रास्ता भी बस्सी को जोडता है।इस मामले में खनिज विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन फोन रिसीव नही किया है।
हरियाणा ने थामाऐ नोटिस- हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के वन क्षेत्र अलीपुर तिगरा के वन खण्डाधिकारी ने हरियाणा के जिला नूहॅ के बसईमेंव निवासी हनीफ उर्फ हन्ना पुत्र रूस्तम पर पर्यावरण की अपूर्णनीय हानि बताते हुए 99,22,500 रूपये का जुर्माना लगाते हुए वन अधिनियम 1972 की धारा26/32/33/63 के तहत पजाव भूमि परीक्षण अधिनियम 1900 की धारा 4 व 5 के तहत चालन पेश करने का नोटिस थामा दिया है।
सवाल मांगते हेै जबाब
- *क्या राजस्थान का खनिज विभाग इन रास्तो की सीमा को बंद करेगा?
- *क्या राजस्थान सरकार की अनुमति से यह रास्ता निकाला गया है।
- *क्या यह रास्ता पत्थर चोरी से को बढावा देगा या नही?
- *क्या खनिज चोरी होने से राज्य सरकार को नुकसान होगा?
- *क्या खनिज विभाग इस रास्ते को लेकर कोई कार्रवाही करेगी?