संघर्ष की आग में ही तपकर सोना निखरता है, संघर्ष से सफलता तक: वर्दी के प्रति समर्पण- चमन गोरवाल, सहायक कमांडेंट
लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) नगर पालिका क्षेत्र के मौजपुर ग्राम निवासी चमन गोरवाल ने प्रेस के साक्षात्कार में बताया कि सपने देखने वाले बहुत होते हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने की हिम्मत कुछ ही रखते हैं। जब मैंने अपने करियर की शुरुआत एक सब-इंस्पेक्टर के रूप में की थी, तब मेरे सामने न केवल व्यक्तिगत चुनौतियाँ थीं, बल्कि देश की सेवा का एक बड़ा कर्तव्य भी था। बीते आठ वर्षों में, बंगाल, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में काम करते हुए मैंने अनुशासन, संघर्ष और समर्पण के असली मायने समझे।
हर वर्दीधारी व्यक्ति की तरह मेरा भी सपना था कि मैं अपनी जिम्मेदारियों को और बड़े स्तर पर निभा सकूं। और एक अधिकारी बनूं,इसी संकल्प के साथ मैंने Assistant Commandant Departmental Examination 2023 की तैयारी शुरू की। यह सफर आसान नहीं था—कर्तव्यों का निर्वहन, थकावट और सीमित समय के बीच अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन जब उद्देश्य स्पष्ट हो और समर्पण अटूट हो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।
आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो समझ आता है कि सफलता सिर्फ मेहनत का परिणाम नहीं होती, बल्कि धैर्य, अनुशासन और सही दिशा में लगातार प्रयास करने की भी देन होती है। मेरी यह उपलब्धि सिर्फ मेरी नहीं है, यह उन सभी साथियों और मेरे परिवार के सभी सदस्यों व चाचाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिन्होंने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया, और उन वरिष्ठ अधिकारियों की भी, जिन्होंने मार्गदर्शन किया।
मेरा मानना है कि वर्दी पहनना सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है—राष्ट्र की सुरक्षा, न्याय की रक्षा और समाज की सेवा की। यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है, बल्कि यह एक नए अध्याय की शुरुआत है।
चमन गोरवाल असिस्टेंट कमांडेंट BSF ने कहा- कि जो भी युवा अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं, उन्हें मैं यही कहना चाहूँगा—संघर्ष से मत डरो, हर चुनौती तुम्हें मजबूत बनाएगी। खुद पर विश्वास रखो, मेहनत करो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कभी हार मत मानो। “संघर्ष की आग में तपकर ही सोना निखरता है।”