भरतपुर की 102 और डीग की 95 ग्राम पंचायत होंगी टीबी मुक्त
टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान अन्तर्गत संभागीय स्तरीय स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला संपन्न
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भरतपुर, (17 फरवरी/ कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत सोमवार को संभागीय स्तरीय स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला का आयोजन संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में किया गया।
संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर ने कहा कि आमजन के सहयोग से जिले को टीबी मुक्त बनाने का पहला लक्ष्य है। इसके लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी है। प्रदेश में 24 मार्च, तक संचालित होने वाले इस अभियान का उद्देश्य टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन को गति देना, समुदाय में टीबी की समय पर पहचान, उपचार एवं रोकथाम को सुदृढ़ करना है। उन्होंने निर्देश दिए कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा, जिला परिषद, शिक्षा विभाग के अधिकारी टीम भावना से कार्य करें। ग्राम पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों, ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी, आशाकर्मियों का सहयोग भी लिया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से टीबी मुक्त राजस्थान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं और प्रत्येक ग्राम पंचायत को इस अभियान से जोड़ा जाए। अभियान की सफलता के लिए सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा तथा सभी हितधारकों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
चिकित्सा विभाग एसटीडीसी अजमेर के निदेशक डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में विभाग द्वारा चिन्हित भरतपुर जिले की 102 और डीग जिले की 95 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त किया जायेगा। आगामी 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस पर जिले की टीबी मुक्त ग्राम पंचायत होने वाली ग्राम पंचायत को पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीबी रोग के प्रति आमजन में जागरूकता और जन सहयोग के लिए अभियान चलाया जाएगा। जिसे टीबी मुक्त ग्राम पंचायत नाम दिया गया है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान की विस्तार से जानकारी दी।
लक्ष्य किए निर्धारित
निदेशक डॉ. सिंह ने कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत प्रमुख इंडिकेटर्स संदिग्ध टीबी मामलों की जांच प्रति 1000 जनसंख्या पर 30 से अधिक, टीबी नोटिफिकेशन दर प्रति 1000 जनसंख्या पर 1 से कम निर्धारित किये हैं। उन्होंने बताया कि उपचार सफलता दर 85 फीसदी लक्ष्य, ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्ट 60 प्रतिशत मरीजों के लिए, निक्षय पोषण योजना का लाभ 100 प्रतिशत लक्ष्य, निक्षय मित्र द्वारा पोषण किट वितरण 100 प्रतिशत लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इस दौरान कार्यशाल में संयुक्त निदेशक चिकित्सा व सीएमएचओ गौरव कपूर, जिला क्षय रोग अधिकारी अविरल कुमार, डॉ. विवेक मिश्रा, डब्लूएचओ प्रतिनिधि शिखा गुप्ता, जिला कार्यक्रम समन्वयक अधिकारी शरद कुमार शर्मा, डीपीपीएमसी यामिनी अवस्थी सहित जिला परिषद, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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