खो-खो: भारतीय संस्कृति की धरोहर और वैश्विक पहचान की ओर एक कदम -चौधरी
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
भारत में पहली बार हो रहे खो-खो वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीमों की घोषणा 10 या 11 जनवरी को हाेगी। वर्ल्ड कप के साथ ही भारतीय खो-खो महासंघ टेस्ट टूर्नामेंट की टीमें भी घोषित करेगा। इसमें महिला और पुरुष वर्ग की दो टीमें वर्ल्ड कप खेलेंगी और दो टीमें टेस्ट टूर्नामेंट के लिए जाएंगी। िजला खो-खो संघ के अध्यक्ष रामपाल चौधरी ने बताया कि ये टीमें दिल्ली में चल रहे सलेक्शन कैंप में बचे 45-45 खिलाड़ियों में से चुनी जाएगी। वर्ल्डकप 13 से 19 जनवरी तक दिल्ली में खेला जाएगा। सलेक्शन कैंप में देश भर से 60-60 खिलाड़ी दोनों वर्गों के लिए चुने गए थे, इसमें राजस्थान के खिलाड़ी भी शामिल है। चाैधरी ने बताया कि 13 जनवरी को होने वाली वर्ल्ड कप उद्घाटन समारोह में भीलवाड़ा खाे-खाे संघ के पदाधिकारी व खिलाड़ी भी पहुंचे। साथ ही वहां पर भारतीय का टीम का हाैसला बढ़ाएगें। पहली बार खो-खो वर्ल्ड कप का भारत में आयोजन एक गौरवपूर्ण अवसर है।
खो खो भारतीय खेल परंपरा का एक ऐसा अनमोल हिस्सा है, जिसने वर्षों से न केवल युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया है, बल्कि उनमें साहस, टीम भावना और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का विकास भी किया है। इस खेल की जड़ें भारत की मिट्टी से जुड़ी हुई हैं और यह देश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में समान रूप से खेला जाता है। अब, जब खो-खो वर्ल्ड कप पहली बार भारत में आयोजित होने जा रहा है, यह न केवल भारत के लिए, बल्कि इस खेल के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण है