अगर पानी के लिए परेशान होना पड़ा तो जिम्मेदार अधिकारियों की खैर नहीं - मुख्यमंत्री

जयपुर (कमलेश जैन) राजस्थान में तेजी से बढ़ती गर्मी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। तापमान बढ़ते ही लोगों को पेयजल समस्या होने लगी है। यही नहीं लोगो ने अब पेयजल संकट को लेकर आंदोलन और घेराव करना शुरू कर दिया है। ऐसे में सीएम भजनलाल शर्मा ने पेयजल की मांग और उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के लिए गुरुवार को जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई। वहीं सीएम ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि गर्मी में जनता को अगर पानी के लिए परेशान होना पड़ा, तो जिम्मेदार अफसरों की खैर नहीं। सीएम ने अधिकारियों को 15 मई तक का अल्टीमेटम भी दिया है।
बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में गर्मी तेजी से बढ़ी है, ऐसे में आमजन को बढ़ी हुई मांग के अनुसार पर्याप्त पेयजल मुहैया करवाया जाए।उन्होंने कहा कि सभी जिला कलक्टर्स कंटीन्जेंसी प्लान के अनुसार पेयजल प्रबंधन स्वयं की देखरेख में सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की किसी तरह की किल्लत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अंतिम छोर के उपभोक्ताओं को भी पेयजल की कोई दिक्कत नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पीएचईडी के फील्ड अधिकारी एवं कर्मचारी मुख्यालय पर उपस्थित रहें और बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें।
15 मई तक पूरे करें सभी काम
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गर्मी को देखते हुए नए हैण्डपम्प, नलकूप लगाने, पुराने हैण्डपम्प, नलकूपों की मरम्मत, पाइपलाइनों को दुरस्त करने सहित पेयजल आपूर्ति सुदृढ़ीकरण के सभी कार्य के 15 मई से पहले हर हाल में पूरे किए जाएं।उन्होंने कहा कि पेयजल समस्या के समाधान के लिए जिला कलक्टरों को एक-एक करोड़ रुपए का अनटाइड फंड उपलब्ध करवाया गया है।अधिकांश जिलों में इस फंड का उपयोग करते हुए स्वीकृतियां जारी कर कार्य शुरू कर दिये गए हैं। उन्होंने शेष जिलों के जिला कलक्टरों को भी स्वीकृतियां शीघ्र जारी कर कार्य दी गई समयसीमा में पूरा करवाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में गर्मी के दौरान पेयजल आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 142 करोड़ रुपए के 1244 कार्य और शहरी क्षेत्रों में 68 करोड़ रुपए के 153 कार्य स्वीकृत कर जरूरत के अनुसार नलकूपों की गहराई बढ़ाने, पाइप लाइन डालने और बदलने तथा पम्पसेट आदि की मरम्मत के काम करवाए जा रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य अभी तक भी प्रारम्भ नहीं हुए हैं, वे 10 दिन के भीतर शुरू कर आगामी 15 मई से पहले पूरे कर लिए जाएं. उन्होंने कहा कि अप्रैल से जुलाई तक गर्मी के पीक सीजन में टैंकरों से पेयजल की मांग पूरी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 82 करोड़ और शहरी क्षेत्र में 25 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी कर दी गई है।
कंट्रोल रूम नम्बरों का करें व्यापक प्रचार-प्रसार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएचईडी अधिकारी बिजली विभाग के अधिकारियों से समन्वय बना कर रखें ताकि पीक लोड के कारण बिजली ट्रिपिंग, फॉल्ट आदि की स्थिति में भी नलकूपों की विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं हो। उन्होंने कहा कि पेयजल संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम्स के नम्बरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर इन पर आने वाली शिकायतों का त्वरित और समयबद्ध निस्तारण किया जाए।






