लोक गीतों व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किसानो को बताया जीवामृत का महत्त्व
सकट गांव राजपुर बड़ा व सकट में सेन्टर फॉर माइक्रोफाइनेंस और राजीविका के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को जीवामृत रो हेलो नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत लोक कलाकारों ने लोक गीतों एवं नाटक प्रस्तुति के माध्यम से जीवामृत के महत्त्व को समझाया प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव विशाल ने बताया की वर्तमान समय में किसान अपनी फसलो में यूरिया / डीएपी का अँधाधुंद प्रयोग कर रहा जिसकी वजह से मिटटी की उर्वरक क्षमता कम होती जा रही है इसलिए किसानो को देसी खाद के प्रयोग पर जोर देना चाहिए। नुक्कड़ नाटक में यूरिया / डीएपी और जीवामृत का युद्ध दिखाया गया। जिसमे जीवामृत विजयी हुआ। कार्यक्रम में किसानो को जीवामृत बनाने की विधि के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एवं पुरुषो के साथ ही युवाओ ने भी भाग लिया। जिसमे राजपुर बड़ा गाँव में लगभग 260 व सकट गाँव में लगभग 200 महिला पुरुषो और युवाओ ने भाग लिया। कार्यक्रम में जाग्रति महिला मंच की मैनेजर लक्ष्मी शर्मा, क्लस्टर कोऑर्डिनेटर किरण, मंजू, धोली, कृषि सखी तुलसी व सी.एम.एफ. संस्था के शैलेन्द्र , नरेश रावल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
- संवाददाता राजेंद्र मीणा की रिपोर्ट