नगर पालिका में वार्ड पुनर्गठन बना सियासी रेवड़ियां बांटने का जरिया, विपक्ष की चुप्पी पर उठे सवाल

जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) नगर पालिका क्षेत्र में वार्डों के पुनर्गठन को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। आरोप लग रहे हैं कि यह कवायद जनसंख्या संतुलन या भौगोलिक जरूरतों के बजाय सत्ता पक्ष की राजनीतिक सुविधा को ध्यान में रखकर की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ वार्डों में एक ही राजनीतिक विचारधारा का दबदबा रहा, जिसे तोड़ने के लिए पुनर्गठन की आड़ में जनसंख्या व सीमाओं का संतुलन बिगाड़ते हुए वार्डों को इस तरह से विभाजित किया गया है कि सत्ता पक्ष को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
वर्तमान पालिका के वरिष्ठ पार्षद नज़ीर सरवरी कहना है कि पुनर्गठन के नाम पर सिर्फ सत्तापक्ष के कार्यकर्ताओं को खुश करने की कोशिश की जा रही है। वार्डों की नई बनावट को देखकर साफ जाहिर होता है कि यह केवल "वोटों के गणित" को साधने की रणनीति है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम में विपक्ष नेता पूरी तरह से नदारद नजर आ रहा है। अब तक भी विपक्षी नेता की ओर से कोई बयान नहीं आया है, जिससे सत्ता पक्ष के लोगों के चेहरे पर संतोष के भाव देखे जा सकते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या नगर पालिका का पुनर्गठन लोकतांत्रिक प्रक्रिया है या फिर यह सत्ता प्राप्ति करने का खेल।






