भीलवाड़ा में घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो भीलवाडा जिले का काश्मीर गुरलाँ के इन खूबसूरतों जगहों की जरूर करें सैर, हो जाएगा पैसा वसूल

गुरलाँ (सत्यनारायण सेन) गुरलाँ गाँव भीलवाड़ा जिले के प्रकृति की गोद में अरावली पहाडी के मध्य मे बसा मेवाड राज की रियासत गुरलाँ भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर हाईवे 758 पर रचा-बसा हुआ है. यहां अनेक पर्यटन स्थल और ऐतिहासिक धरोहर हैं.अमरूद व नीम्बू के बगीचे रणजीत सागर तालाब गुरलाँ को भीलवाड़ा जिले के काश्मीर गुरलाँ की पहचान बना यदि यहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, तो जिले पर्यटन नक्शे पर उभरकर पर्यटकों का पसंदीदा केन्द्र बन सकते हैं.
भीलवाड़ा में ही रहकर भीलवाड़ा की विभिन्न जगहों में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन लोकेशन साबित हो सकती है. भीलवाड़ा में एक या दो नहीं, बल्कि कई ऐसी घूमने की जगह है, जहां पर आप घूम कर गर्मी की छुट्टियों को मजेदार बना सकते हैं. प्रदेश के वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में विकसित भीलवाड़ा की पहचान पर्यटन हब के रूप में भी होने लगी है. यहां प्राकृतिक, पुरातात्विक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व की सम्पदा चहुंओर बिखरी है. यहां पर कालिका माता मन्दिर; सेल्पी पॉईट ;अमरूद के बगीचे; अरावली पर्वत माला; रणजीत सागर तालाब ; लक्ष्मीनाथ मन्दिर; गुरलाँ का किला (गढ); टीला का खेड़ा हनुमान जी भी यहां की पहचान है.
प्रकृति अरावली पर्वतमाला से घिरे गुरलाँ में रणजीत सागर तालाब की हिलोरे लेती लहरे व कलकल भी रोमांच पैदा करती है, गुरलाँ का कारोबार व प्राचीन दुर्ग ने व फलो के बगीचे एव कालिका माता मन्दिर व सेल्पी पॉइट ने भी पर्यटन की नई राह खोली है. गुरलाँ के कालिका माता मन्दिर रणजीत सागर तालाब अमरूदो के बगीचे गुरलाँ का गढ बच्चों से लेकर बड़ों के पसंदीदा स्थल है. टीला का खेड़ा बालाजी ;लक्ष्मी नाथ मन्दिर आस्था के गढ़ व पर्यटन केन्द्र है.
फुलो व आम, अमरूद ,नीम्बू के बगीचे गुरलाँ वासियों का व्यापार है फूलों व अमरूद सिघाडा भीलवाड़ा के साथ ही अन्य जिलों मे गुरलाँ की पहचान बनी हुई है
गुरलाँ में कालिका माता पहाड़ी सेल्फी पॉइंट गुरलाँ का गढ पर्यटकों को खींच रहा है. ऐतिहासिक गुरलाँ दुर्ग, रणजीत सागर तालाब भी खास है. अरावली पर्वत श्रृंखला पर सेल्फी पॉइट तो स्वदेशी से लेकर विदेशी सैलानियों की खास पसंद है. गुरलाँ के टेकरी के बालाजी को रंग-बिरंगी रोशनी में देखने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु आते हैं. कालिका माता भी शक्तिपीठ है, हालांकि गोराजी भेरूनाथ रणजीत सागर तालाब के पास पर्यटकों आकर्षित करता है
गुरला क्षेत्र में चारभुजा नाथ मन्दिर आस्था का बेजोड़ प्रतीक है. सदाबहार महादेव मंदिर बस स्टैण्ड , नीलकंठ महादेव व हड्तिया बालाजी मंदिर लक्ष्मी नाथ मन्दिर भी स्थापत्य कला एवं मूर्तिशिल्प की दृष्टि से आकर्षक है. पहाड़ों के बीच शक्तिपीठ कालिका माता मंदिर है. निकट ही रणजीत सागर तालाब भी है. गुरलाँ अरावली पर्वत का ईको टूरिज्म पर्यटन की पहचान बनने लगा है. रणजीत सागर तालाब; कालिका माता मन्दिर; अमरूद के बगीचे दर्शनीय हैं.
गुरलाँ भीलवाड़ा जिले के काश्मीर के नाम से जाना जाता है प्रकृति की गोद में रचा-बसा हुआ है. यहां अनेक पर्यटन स्थल और ऐतिहासिक धरोहर हैं. यदि यहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, तो जिले पर्यटन नक्शे पर उभरकर पर्यटकों का पसंदीदा केन्द्र बन सकते हैं.






