हरि को भजे, सो हरि का होय.... टाल मटोल की नीति बुरी..........संत दीपाई नाथ

सोडावास (मयंक जोशीला) - धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अपने श्रद्धालुओं से संत दिपाई नाथ महाराज चतरपुरा ने कहा की गुरु वशिष्ठ ने राम के राज्याभिषेक का मुहूर्त निकाला था, लेकिन दशरथ ने उसे अगले दिन तक टाल दिया। यही टाल मटोल आगे चलकर राम के वनगमन का कारण बनी। संत दीपाई नाथ महाराज ने बताया कि नेक कार्य को तुरंत करना चाहिए टालना नहीं।
श्री राम ने पिता दशरथ के वचनों की मर्यादा के लिए राजपाठ छोड़ वनवास को चुना। राम ने केवल आज्ञा का पालन नहीं किया बल्कि पूरी मर्यादा और नीति का पालन कर मर्यादा पुरुषोत्तम की उपाधि प्राप्त की। गंगा तट पर जब श्री राम ने केवट से गंगा पार करने का अनुरोध किया तो केवट ने भावुक होकर कहा कि मैं आपको पार लगा रहा हूं प्रभु, जब मेरा समय आए तो आप मुझे पार लगा देना।






