तहसील परिसर में सफाई और मूलभूत सुविधा का नहीं है बंदोबस्त

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) तहसील में आज भी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। अधिकांश पेयजल की टंकी बंद पड़ी रहती है। परिसर में बनाए गए सार्वजनिक शौचालय इतने गंदे रहते हैं कि आने वाले लोगों ने उसका प्रयोग बंद कर दिया है। शौचालय के बाहर गंदगी का आलम लगा हुआ है।परिसर में वाहन स्टैंड नहीं होने से तहसील परिसर में कार्य को आने वाले लोग वादकारी अपने वाहन आड़े तिरछे खड़े बाहर कर देते हैं। जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है। तहसील के गेट पर वाहन खड़े रहने से परिसर की खूबसूरती बिगड़ रही है। स्थानीय तहसील में पूर्व में तहसील कार्यालय लक्ष्मणगढ़ लगा बोर्ड भी गायब है। मूल गेट पर तहसील कार्यालय का बोर्ड नही लगे रहने से कामगारों को इधर-उधर पूछना पड़ता है। यह समस्या लक्ष्मणगढ़ तहसील के वादकारियों और कार्य से आने वाले लोगों एवं नोटेरी स्टांप सेलर अर्जी नवीस अधिवक्ताओं की है।
आपके अपने अखबार ने तहसील की समस्याएं जानने का प्रयास किया तो तहसील परिसर में कार्य से आने वाले लोगों एवं महिलाओं ने समस्या का जखीरा खोलकर रख दिया।
जिले में सबसे बड़ी तहसील के रूप में जानी जाने वाली तहसील में विकास नहीं हुआ है। लेकिन जो सुविधा थी वह भी कायगर नहीं है । तहसील में प्रतिदिन करीब 200 से अधिक लोग यहां अपने मुकदमों व रजिस्ट्री नोटेरी अटेस्टेड प्रमाण पत्र आदि बनवाने आते हैं। जिसमें महिलाएं भी सम्मिलित होती हैं। शौचालय गंदे एवं टूटे गेट होने से महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
परिसर में कार्यरत लोगो और वादकारियों के बैठने के लिए स्थान देखकर यह अनुमान लगाना कठिन है कि ऐसा भी होता है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण बदहाल होता जा रहा है। वादकारियों के लिए शौचालय है। जो वर्तमान में गंदगी से पटे हैं, इनसे उठने वाली बदबू के कारण लोग उसका प्रयोग करना तो दूर, उस ओर जाने से भी कतराते हैं। शौचालय में पानी की कोई सुविधा नहीं है । तहसील परिसर में कार्यरत लोगों ने बताया कि समस्याओं का समाधान कराने के लिए जिम्मेदारों से संपर्क किया लेकिन समाधान के नाम पर आज तक कुछ नहीं हो सका। बैठने के लिए तहसील परिसर में उनके आसपास गंदगी बिखरी रहती है। कारण साफ-सफाई के लिए कोई नियमित बंदोबस्त नहीं है। कुछ नोटरीअधिवक्ता अर्जी नवीस स्टांप सेलर ऐसे भी हैं जो सुबह अपनी पानी की बोतल साथ लेकर पहुंचते ही अपने बस्ते के आस-पास सफाई करते हैं। उसके बाद काम शुरू करते हैं।
पर्याप्त शेड नहीं होने से खुले में स्टांप सेलर अर्जी नवीस नोटरी बैठते हैं।
शेड के अभाव में कुछ कार्यरत लोगों ने अपने खर्चे से छाया कर तख्ता, कुर्सी मेज़ लगाकर तेज धूप में बैठते हैं। तो कुछ लोग खुले आसमान के नीचे बैठकर वादकारियों के कार्य एवं मुकदमे की पैरवी करते हैं। शेड के अभाव में खुले में बैठना मजबूरी है। कई मर्तबा टंकी में पानी नहीं भरा रहता है। भीषण गर्मी में आने वाले कामगारों को इधर-उधर पानी के लिए भटकना पड़ता है। तहसील में आग पर काबू करने के लिए अग्निशमन की कोई व्यवस्था नहीं है। शौचालय की नियमित साफ सफाई गेट एवं पानी की व्यवस्था का होना अनिवार्य है।






