राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के तहत कार्यशाला का आयोजन
भरतपुर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) सहायक कृषि अधिकारी जगत सिंह कुंतल से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज़ कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि,जिला परिषद भरतपुर द्वारा राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सौ से अधिक किसानों तथा सौ से अधिक फील्ड स्टाफ द्वारा भाग लिया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन देशराज सिंह अतिरिक्त निदेशक कृषि भरतपुर संभाग द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। योगेश कुमार शर्मा संयुक्त निदेशक उद्यान भरतपुर खंड द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण किया गया। इस दौरान रमेश चंद्र महावर संयुक्त निदेशक कृषि भरतपुर, जनक राज मीणा, उप निदेशक उद्यान, मनोज कुमार कृषि अधिकारी तथा अन्य कार्यालय स्टाफ भी साथ रहे। सर्व प्रथम रमेश चंद्र महावर संयुक्त निदेशक कृषि द्वारा कार्यशाला में आए हुए सभी अतिथियों तथा किसानों का स्वागत करते हुए कार्यशाला का उद्देश्य, आवश्यकता तथा भरतपुर के संदर्भ में कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी
देशराज सिंह अतिरिक्त निदेशक कृषि ने अपने उद्घाटन उद्बोधन में किसानों से अपील की कि देश में खाद्य तेलों की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उत्पादन से अधिक खाद्य तेल का आयात करना पड़ता है, जिसके लिए विदेशी मुद्रा का भुगतान करना पड़ता है।
इसलिए हम सभी का दायित्व है कि भरतपुर जिले की प्रमुख फसल सरसों की वैज्ञानिक तरीके से खेती करें और उत्पादन बढ़ाएं। तिलहनी फसलों में डीएपी की बजाय सुपर फास्फेट का उपयोग करें ताकि पैदा होने वाली फसलों में तेल की मात्रा तथा गुणवत्ता में वृद्धि हो सके। डाक्टर उदयभान सिंह अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय भुसावर ने सरसों की फ़सल की वैज्ञानिक खेती की विभिन्न तकनीकों पर विस्तार से जानकारी देते हुए सरसों की फसल में लगने वाले कीट - व्याधि की पहचान तथा इनके प्रबंधन की विभिन्न विधियों की जानकारी दी।
उन्होंने फसल विविधीकरण के तहत परंपरागत फसलों को छोड़कर नकदी फसलें अपनाने की सलाह दी और इसके लिए सबसे अच्छी फसलें उद्यानिकी विभाग मे उपलब्ध हैं। किसान भाई सब्जियों की खेती करके अधिक लाभ कमा सकते हैं। बुद्धि प्रकाश पारीक, सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक कृषि अजमेर द्वारा सरसों तथा अन्य तिलहनी फसलों में गंधक की उपयोगिता की चर्चा करते हुए, इन फसलों में सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक उपयोग करने की सलाह देते हुए उपयोग के तौर-तरीकों, समय तथा उपयोग की विभिन्न विधियों की विस्तार से जानकारी दी। पारीक ने सरसों की फसल के लिए सिंचित तथा असिंचित अवस्था में बीज की मात्रा, बुआई के तरीके तथा उर्वरकों की मात्रा के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए किसानों से अपील की कि तिलहनी फसलों में हमेशा ही सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करना चाहिए।
योगेश कुमार शर्मा संयुक्त निदेशक उद्यान भरतपुर ने सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए विभिन्न शस्य तकनीकों, मैकेनिकल तकनीकों तथा रासायनिक तकनीकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि खरपतवार नाशक रसायनों की मात्रा तथा उपयोग किए जाने वाले समय का बहुत ज्यादा महत्व है, इसलिए खरपतवार नाशक रसायनों का प्रयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। शर्मा ने परंपरागत फसलों के स्थान पर, मल्च, लो टनल, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, ग्रीन हाउस जैसी हाइटेक उद्यानिकी तकनीकों को अपनाते हुए अधिक आमदनी प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी।
शर्मा ने सोलर पंप सेट स्थापित करने का महत्व बताते हुए किसानों से निवेदन किया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय भजन लाल शर्मा द्वारा पचास हजार किसानों को सोलर पंप सेट स्थापित करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की थीं। किसानों की मांग को देखते हुए राजस्थान राज्य में स्थापित होने वाले सोलर पंप सेटों के लक्ष्य पचास हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिए हैं, इसलिए किसान भाई इस योजना का भी लाभ उठाएं। वर्तमान में समाज में मोटापा, केंसर तथा मधुमेह रोग की बहुतायत को ध्यान में रखते हुए शर्मा ने उपस्थित किसानों से निवेदन किया कि कीटनाशकों का सोच समझ कर विभाग की सिफारिश के अनुसार आवश्यकता होने पर करें, विशेष रूप से सब्जी वाली फसलों में सावधानी बरतें।
जनक राज मीणा उप निदेशक उद्यान ने विभिन्न उद्यानिकी योजनाओं जैसे फलोद्यानों की स्थापना बूंद बूंद सिंचाई संयंत्र, फव्वारा सिंचाई संयंत्र, मिनी फव्वारा सिंचाई संयंत्र, ग्रीन हाउस, नेट हाउस, लो टनल, मल्चिंग, सोलर पंप सेट स्थापना इत्यादि की जानकारी, महत्व, आवेदन की प्रक्रिया तथा जिले को आवंटित लक्ष्यों की जानकारी देते हुए किसानों को उद्यानिकी फसलों को भी अपनाने की सलाह दी। डाक्टर अमर सिंह, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय रहीमपुर तथा डाक्टर नबाव सिंह प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र कुम्हेर ने सरसों की फसल में अच्छी पैदावार के लिए समन्वित सिंचाई प्रबंधन, समन्वित कीट प्रबंधन, समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन, की विस्तार से जानकारी दी कार्यक्रम का संचालन जगत सिंह कुंतल सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किया गया।