नगरपालिका प्रशासन की मनमर्जी से नहीं हो रहे कार्य: चहेते ठेकेदारों की हो रही बल्ले बल्ले, कमीशन का चल रहा खुला खेल

भरतपुर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुए करीब डेढ साल का समय हो गया है। लेकिन प्रशासन की कुंभकर्णी नींद अभी खुलने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस के शासन काल में भाजपा वाले भ्रष्टाचार एवं कार्यप्रणाली की बडी बडी बातें किया करते थे।वे ही भाजपा वाले कांग्रेस शासन से दो कदम आगे है। ऐसा ही नजारा आपको नगरपालिका वैर में देखने को मिल जाएगा।नाली निर्माण का वार्षिक टेन्डर दस लाख रुपए का गत वर्ष हुआं था। सम्बन्धित ठेकेदार ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए जहां नाली निर्माण होना था वहां न कर सही नालीयों को तोड़-मरोड़ कर एवं सही कटों को दुवारा से बनाकर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाया है।बार बार नगरपालिका प्रशासन से नाली निर्माण की कहने एवं प्रार्थना पत्र देने के बाबजूद आज दिनांक तक नाली निर्माण नहीं कराया गया है। नगरपालिका प्रशासन ने दुबारा नाली निर्माण, क्रॉस निर्माण, मिट्टी मौरम एवं सींसी निर्माण कार्य का टैन्डर 21.4.25 को करने के लिए निकाल दिया गया है। जबकि आज दिनांक तक सीसी निर्माण पिछले टैन्डर में नहीं हूई है। प्रशासन सिर्फ और सिर्फ टैन्डर पर टैन्डर निकालने में लगा हुआ है प्रशासन के पास भुगतान हेतु बजट नहीं है। सिर्फ और सिर्फ टैन्डर प्रक्रिया को कर 15% पूल की राशि लेने में लगा हुआ है। क्यों कि नगरपालिका के चुनाव होने में मात्र 6-7 माह ही शेष रहे हैं। आपकों बता दें कि नगरपालिका में ठेकेदार ही पार्षद हैं। तथा अपने अपने बार्डो में नगरपालिका फन्ड से विकास कार्य कराने में सफल हो रहे हैं। जवकि पार्षद, कर्मचारी,या व्लड रिलेशन का नियम राज्य सरकार ने बनाया है। लेकिन राज्य सरकार के नियम निर्देशों को भी नगरपालिका वैर प्रशासन ने ताक पर रख दिया है। मजेदार बात तो यह है कि नगरपालिका प्रशासन ने सत्र 2020-21 में एक निविदा निकाली जिसमें ब्लड रिलेशन का ठेकेदारों से 100 रुपए के स्टाम्प भी मांगा। और समस्त ठेकेदारों ने व्लड रिलेशन का स्टाम्प भी दिया। लेकिन नगरपालिका प्रशासन ने पार्षद ठेकेदारो को विगत साढ़े चार सालों से खूब जमकर टेंन्डर दिये। सिर्फ़ और सिर्फ़ 6-7 महीने ही नगरपालिका चुनावों के शेष रहते ही नगरपालिका प्रशासन हर रोज टैन्डर पर टैन्डर निकाल कर सरकारी घन का दुरपयोग करने में और अपनी जेब भरने में लगा हुआ है।साथ ही नगरपालिका चुनाव से पूर्व 2020-21 में ठेकेदार ने अपने अपने बार्डो में मिट्टी मौरम, डलवाकर वोटरों को लुभाने का कार्य किया। और चुनाव जीत गए। लेकिन मिट्टी मौरम, नाली क्रास सीसी निर्माण के वार्षिक टेन्डर लेकर चुनावों से पूर्व कराए मिट्टी मौरम इत्यादि कार्य के पेमेंट नगरपालिका वैर से ले लिए गए।हर साल कुओं के जालों के भी टैन्डर लगते रहे हैं इस वर्ष भी पुनः कुओं के जालों का टैन्डर लगा दिया गया है। कस्वा में कुआं इतने शायद है भी या नहीं। सिर्फ और सिर्फ कागजों में न जाने कस्वा में कितने कुआं दर्शित हो रहे हों।एलीडी लाइटों की अगर बात करें तो पोलों पर लगी लाइटों का रखरखाव आज दिनांक तक तो सही किया नहीं गया।आये समय एलसीडी लाइटों की खरीद फरोख्त एवं रख रखाव का टैन्डर निकाल दिया जाता है। पार्षदों के नाम के बोर्डों के टैन्डर सत्र 2020-21 में नगरपालिका गठन के बाद किया गया। जिसमें 25 बार्ड पार्षदों के नये नामों के बोर्डों को लगाया गया। लेकिन सत्र 2015-20 में लगे करीब 25 पार्षद एवं 4 मनोनीत पार्षदों के नाम के पुराने बोर्डों को नगरपालिका कार्यालय में जमा नहीं कराया गया है। एवं न ही कार्यालय के रिकॉर्ड में दर्ज है।






