उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, तीन गांवों को बरौली पंचायत में यथावत रखने की मांग पर उठे सवाल

सरमथुरा (धौलपुर /नाहर सिंह मीना) ग्राम कुमरपुरा और कासपुरा के निवासियों ने आज उपखंड अधिकारी राखी रानी मीणा को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इन गांवों को वर्तमान ग्राम पंचायत बरौली में ही बनाए रखने का आग्रह किया गया है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने नवगठित ग्राम पंचायत सुनकई में शामिल किए जाने का विरोध दर्ज कराया है।
ज्ञापन में कुमरपुरा के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के एक परिवार का दो वर्ष पूर्व सुनकई में आपसी विवाद के चलते एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी, जिसके कारण उनका वहां आना-जाना बंद है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि उन्हें सुनकई के मतदान केंद्र पर वोट डालने जाना पड़ा, तो अप्रिय घटना घट सकती है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। ज्ञापन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) की प्रति भी संलग्न की गई है।
हालांकि, इस ज्ञापन में विरोधाभास देखने को मिला। सूत्रों के अनुसार, कुमरपुरा के ही कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गांव का केवल एक परिवार ही पूरे गांव और अन्य गांवों को बरौली में रखने की मांग कर रहा है, जबकि पूरा गांव ऐसा नहीं चाहता। कुमरपुरा, हुलासपुरा, खिन्तर और कांसपुरा के ग्रामीणों का कहना है कि सुनकई गांव में कुमरपुरा के किसी परिवार का झगड़ा होने के कारण वह परिवार नवगठित ग्राम पंचायत में शामिल नहीं होना चाहता है।
वहीं, ज्ञापन में शामिल अन्य दो गांवों, कासपुरा और खिन्तर के निवासियों का कहना है कि उन्हें नवसृजित ग्राम पंचायत सुनकई से जुड़ने में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने बताया कि वे पहले से ही ग्राम पंचायत बरौली से जुड़े हैं, लेकिन बड़े क्षेत्र के कारण उनके गांवों में अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। खिन्तर गांव तक तो सड़क मार्ग भी नहीं बन सका है। इन गांवों के लोगों को ग्राम पंचायत पुनर्गठन के बाद नवसृजित ग्राम पंचायत सुनकई में शामिल होने से विकास की उम्मीद है, इसलिए उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
इस प्रकार, एक तरफ कुमरपुरा का एक परिवार सुनकई में शामिल होने का विरोध कर रहा है, जबकि दूसरी ओर कासपुरा और खिन्तर के निवासी इसके पक्ष में हैं और विकास की आशा लगाए हुए हैं। अब यह देखना होगा कि उपखंड अधिकारी इस जटिल मामले पर क्या निर्णय लेती हैं।






