राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय टपूकड़ा में मनाया गया कृमि मुक्ति दिवस
खैरथल (हीरालाल भूरानी) मिट्टी जनित कृमि संक्रमण बच्चों एवं किशोर - किशोरियों में शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण,अनीमिया और बौद्धिक विकास पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। आज दिनांक 10 अगस्त 2024 को डॉक्टर अरविंद गेट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खैरथल तिजारा द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय टपूकड़ा में बच्चों को एलबेंडाजोल की गोली खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
डॉक्टर अरविंद गेट द्वारा बताया गया कि कृमि संक्रमण के लक्षण जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना सहित कई लक्षण हो सकते हैं। कृमि संक्रमण से बचाव के तरीके जैसे हमेशा नाखून साफ में छोटे रखें, खाने को ढक कर रखें, अपने हाथ साबुन से धोएं विशेष कर खाने से पहले और शोच जाने के बाद, खुले में शोच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हमेशा साफ पानी पिए, आसपास सफाई रखें।
डी वार्मिंग के फायदे जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार होता है, एनीमिया में नियंत्रण, व्यस्क होने पर काम करने की क्षमता और आय में बढ़ोतरी, सीखने की क्षमता एवं कक्षा में उपस्थिति में सुधार आदि जैसे फायदे होते हैं। यह भी बताया गया की कोई भी बच्चा एवं किशोरी-किशोरिया एल्बेंडाजोल की गोलियां भूखे पेट नहीं खाए। समस्त बच्चों एवं किशोर किशोरियां खाना खाने को उपरांत ही उक्त गोली को लेवे।
डॉक्टर अरविंद गेट द्वारा तिजारा शहर के आंगनबाड़ी केंद्रों एवम् अन्य राजकीय विद्यालयों में एनडीडी कार्यक्रम की मॉनिटरिंग की गई तथा स्टाफ को आवश्यक दिशा भी प्रदान किए गए। खैरथल तिजारा जिले में कुल 131000 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई।
इस मौके पर डॉ मनोज कुमार यादव खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी तिजारा, डॉ विनोद विजय, नीलम यादव विद्यालय प्रधानाचार्य, मनोज चौधरी नर्सिंग ऑफिसर, राकेश कुमार, रसीद खान तथा अन्य विद्यालय स्टाफ उपस्थित था। डॉ अरविंद गेट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
खैरथल तिजारा ने बताया कि खैरथल तिजारा जिले में कुल 131000 बच्चों को एलबेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई। जिसके अंतर्गत ब्लॉक तिजारा में 48000 बच्चों एलबेंडाजोल को ब्लॉक मुंडावर में 28000 बच्चों को ब्लॉक किशनगढ़ बास में 35000 बच्चों को तथा ब्लॉक कोटकासिम में 20000 बच्चों को एलबेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई।