ग्रीष्मकालीन फसलों में लगने वाले कीट एवं रोगों रोकथाम के उपाय

भरतपुर, 27 मई। कृषि महाविद्यालय भुसावर पर ग्रामीण उद्यमिता कृषि विकास योजनान्तर्गत विद्यार्थियों को ग्रीष्मकालीन फसलों में लगने वाले कीट एवं रोगों की जानकारी दी गयी।
महाविद्यालय के डीन डॉ. उदय भान सिंह ने बताया कि ग्रीष्मकालीन मूंग, उडद और लोबिया में पीत शिरा रोग, सफेद चूर्णी रोग, सरकोस्पोरा एवं झुर्रीदार पत्ती रोग प्रमुखतः नुकसान पहुॅचाते हैं। पीत शिरा रोग के नियंत्रण के लिए इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. आधा मिली प्रतिलीटर पानी के घोल का छिडकाव करें। उन्होंने बताया कि सफेद चूर्णी रोग के नियंत्रण के लिए घुलनशील गंधक 0.3 प्रतिशत या कैराथेन एलसी 0.1 प्रतिशत घोल का छिडकाव करें। सरकोस्पोरा रोग की रोकथाम के लिए मेंकोजेब 0.2 प्रतिशत घोल का छिडकाव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन फसलों में सफेद मक्खी कीट के लिए 0.1 प्रतिशत आक्सीडिमेटोन मिथाइल, जैसिड के लिए इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. आधा मिली प्रति लीटर पानी तथा फली छेदक कीट के नियंत्रण के लिए नीम की निबोली के सत का 5 प्रतिशत घोल का छिडकाव करना चाहिए।
- कोशलेन्द्र दत्तात्रेय






