पंचायत पुनर्गठन पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिसूचना जारी करने पर लगाई रोक

जयपुर (कमलेश जैन) पंचायत पुनर्गठन को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार की प्रक्रिया पर न्यायिक हस्तक्षेप हुआ है। राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायतों के पुनर्गठन संबंधी अधिसूचना जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह आदेश जस्टिस दिनेश मेहता की एकलपीठ ने गौतम लाल एवं अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार द्वारा पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया में आपत्तियों का विधिवत निस्तारण नहीं किया गया, जिससे प्रभावित नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने पक्ष रखा और पुनर्गठन प्रक्रिया को विधिसम्मत बताया। हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर आपत्तियां दर्ज की गई हैं, उनका निष्पक्षता से निस्तारण किया जाए और संबंधित दस्तावेज अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए जाएं।
हाईकोर्ट ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि जिस पंचायत के पुनर्गठन को लेकर याचिका लंबित है, उसकी अधिसूचना फिलहाल जारी न की जाए। यह अंतरिम राहत याचिकाकर्ताओं को प्रदान करते हुए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 जुलाई निर्धारित की है।
यह मामला राजस्थान में पंचायत पुनर्गठन की व्यापक प्रक्रिया पर न्यायिक मंथन की दिशा में अहम पड़ाव माना जा रहा है। अदालत के इस निर्देश से सरकार की प्रशासनिक योजना पर प्रभाव पड़ सकता है। और आने वाले समय में पंचायत स्तर पर राजनीतिक एवं सामाजिक समीकरणों में भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
फिलहाल राज्य सरकार को कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप पुनर्गठन से जुड़ी आपत्तियों की गहन समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। अब देखना यह होगा कि आगामी सुनवाई में कोर्ट इस मामले में क्या अंतिम निर्णय देता है।






