9 दिन 9 देवियों को लगाएं उनकी पसंद का भोग
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) नवरात्रा में नौ दिन के इस पर्व में भक्त व्रत रखते हुए माता के नौ रूपों की पूजा उपासना करते हैं। इस तरह उनकी पूजा की विधि और भोग लगाने का तरीका भी अलग है। सभी देवियों का भोग अलग-अलग दिया जाता है। भक्त उपवास रखने के साथ ही सात्विक जीवन जीते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की उपासना होती है। इनमें मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघटा, कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना होती है। नवरात्रि के 9 दिन नौ देवियों को अलग-अलग भोग लगाया जाता है। किसी देवी को नारियल, किसी को गाय का घी, गुड़, मालपुए, खीर, हलवा और इसी तरह चना व पूड़ी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
1. मां शैलपुत्रीनवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की गई है। इस दिन मां दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री रूप की पूजा की गई है। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। उनको संफेद रंग पसंद है। इसके साथ ही उनको गाय के घी का बना भोग लगाना शुभ माना जाता है। नवरात्र के पहले दिन गाय के घी से बना हुआ हलवा, रबड़ी या मावे के लड्डू का भोग लगाया।
2. ब्रह्मचारिणी को पसंद है शक्कर और पंचामृतचैत्र नवरात्रि के आज दूसरे दिन मां के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की गई। उनका प्रिय भोग शक्कर और पंचामृत माना जाता है। नवरात्रि के आज दूसरे दिन इसका भोग मां को अर्पित कर उपवास के दौरान भी ग्रहण कर सकते हैं।
3. मां चंद्रघंटानवरात्रि के तीसरे दिन मां के चंद्रघंटा स्वरूप की उपासना की जाती है। मां चंद्रघंटा को दूध बहुत प्रिय है। माता को दूध की बनी मिठाई, खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। दूध मां को बहुत प्रिय है। इसलिए इसका भोग लगाने से मां बहुत प्रसन्न होती हैं।
4. मां कुष्मांडा को लगाएं मालपुए का भोग नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की उपासना होती है। मां को मालपुए का भोग लगाया जाता है। मां को मालपुए बहुत पसंद होते हैं। मालपुए का प्रसाद सभी को बांटने के साथ खुद भी ग्रहण करें।
5. मां स्कंदमातामां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की नवरात्रि के पांचवे दिन पूजा की जाती है। मां को फल पसंद होते है, जिसमें केले का भोग लगाया जाता है। तुरंत एनर्जी देने वाले फल को लेकर मान्यता है कि शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
6. मां कात्यायनीमां कात्यायनी को देवी दुर्गा का छठा रूप माना जाता है। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि ऋषि पुत्री होने के कारण मां को कात्यायनी नाम से जाना जाता है। मां को भोग लगाने के लिए मीठे पान, लौकी या शहद का उपयोग किया जाता है।
7. मां कालरात्रिमां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं मां दुर्गा के सातवें रूप कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है। इनके शरीर का रंग घने अंधेरे जैसा और बाल बिखरे रहते हैं, इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि को गुड़ बहुत प्रिय है। गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए।
8. महागौरी को नारियल का भोगमहागौरी मां दुर्गा का आठवां रूप हैं। अष्टमी के दिन मां के महागौरी रूप की उपासना की जाती है। महागौरी को माता पार्वती का रूप माना जाता है। महागौरी को नारियल बहुत प्रिय है। अष्टमी के दिन मां को नारियल का गोला चढ़ाएं।
9. मां सिद्धदात्रीमां सिद्धदात्री माता दुर्गा का नौवीं शक्ति हैं। मां सिद्धदात्री भक्त को सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं।नवरात्र के नौवे दिन इनकी पूजा की जाती है। इसके बाद कन्या पूजन किया जाता है। पूजन करने के बाद उनको चना मसाला या फिर हलवा पूड़ी और खीर का भोग लगाना चाहिए।
- कमलेश जैन