जयपुर-दिल्ली हाइवे के यू-टर्न पर हादसा: ट्रॉले के नीचे दबा युवक, हुई मौत
जयपुर-दिल्ली हाईवे पर धरने पर बैठे परिजन। वे मांग नहीं माने जाने तक शव उठाने से मना कर दिया है।
जयपुर-दिल्ली हाईवे पर रोड़ी से भरे ट्रॉला के नीचे बाइक सवार के दबने से माैत हो गई। हादसे की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे। यहां मुआवजा देने की मांग पर धरने पर बैठ गए। हादसा सुबह 9:15 बजे आमेर थाना इलाके के नई माता मंदिर के पास हुआ। बताया जा रहा है कि ट्रॉला यू-टर्न ले रहा था, जिसे देख पेटला की ढाणी पीली की तलाई निवासी मृतक बाबूलाल सैनी (33) साइड में खड़ा हो गया और इसी दौरान ये हादसा हो गया।
प्रत्यक्षदर्शी दीपक जांगिड़ ने बताया कि मृतक बाबूलाल सैनी मजदूरी का काम करता है। वह सुबह अपने घर से जयपुर जाने के लिए निकला था। घर से तीन किलोमीटर ही एक यू-टर्न पड़ता है। रोड़ी से भरा ट्रॉला जयपुर की तरफ से आ रहा था और दोबारा यू-टर्न लेकर जयपुर की तरफ मुड़ रहा था। इस बीच बाबूलाल ने जब ट्रॉला को यू-टर्न लेते हुए देखा तो वो सड़क के किनारे एक तरफ खड़े हो गए और ट्रॉला के निकलने का इंताजर करने लगे। इसी दौरान टर्न लेते समय ट्रॉला पलट गया। जैसे ही रोडी से भरा ट्रॉला गिरा तेज धमाके की आवाज आई। आवाज सुनकर लोग भागे।
यहां देखा तो पता चला कि नीचे बाइक फंसी हुई है। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से बाबूलाल को बाहर निकाला। इस हादसे में मौके पर ही मौत हो गई।
नौकरी के लिए जयपुर जा रहा था युवक
मृतक के चचेरे भाई लालाराम सैनी ने बताया कि इस हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने सूचना दी। इस पर परिजन करीब 9:30 बजे मौके पर पहुंचे। यहां पहुंचे तो पता चला कि उनके चचेरे भाई की मौके पर ही मौत हो गई। बाबूलाल के परिवार में मां-पत्नी और तीन बच्चे हैं। वहीं बाबूलाल के परिजन और स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए। वे हाईवे पर जगह-जगह बने हुए कटों को बंद करे,मृतक की पत्नी को सरकार और नौकरी और परिवार के 1करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग कर रहे है। हादसे से गुस्साए लोगों ने रोड को जाम कर दिया है। दोनों तरफ जाम की स्थिति बन चुकी थी। पुलिस ने मौके पर क्रेन बुलाई।
इसके बाद ट्रक को सीधा किया गया। वहीं परिजनों और लोगों से समझाइश का प्रयास चल रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि क्षेत्र से ट्रक और डंपर काफी तेज रफ्तार में निकलते हैं। इससे कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन इनकी रफ्तार को कम नहीं कर पाया है।