राजस्थान पेंशनर समाज ने CCA पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ सौंपा ज्ञापन, चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) राजस्थान पेंशनर समाज के अध्यक्ष किशन लाल मीणा के नेतृत्व में बुधवार को उपखंड कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए गए CCA पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को तुरंत वापस लेने की मांग की गई।
ज्ञापन में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा वित्त विधेयक में जो अध्याय शामिल किया गया है, वह "भारत की संचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय" से संबंधित है, जिसके जरिए सरकार को पेंशनरों में सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर भेदभाव करने का अधिकार मिल जाएगा। इससे न केवल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होता है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक डी.एस. नकारा बनाम भारत सरकार (17 दिसंबर 1982) के निर्णय को भी चुनौती दी जाती है।
राजस्थान पेंशनर समाज ने कहा कि यह विधेयक 8वें वेतन आयोग के लाभों से पेंशनरों को वंचित करता है और 7वें वेतन आयोग द्वारा तय की गई समानता की भावना को भी समाप्त करता है। समाज ने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है, जिससे कि 01 जनवरी 2026 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त पेंशनरों के बीच कोई भेदभाव न रहे।
अध्यक्ष मीणा ने स्पष्ट किया कि यदि विधेयक से पेंशनरों के हितों पर कुठाराघात करने वाले प्रावधानों को नहीं हटाया गया तो समाज को आंदोलनात्मक रुख अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, "उम्र के इस पड़ाव में हमें सड़कों पर उतरने और आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।"






