गर्मी के तेवर के साथ देसी फ्रिज की बिक्री ने पकड़ी रफ्तार

खैरथल (हीरालाल भूरानी ) खैरथल व आसपास के ग्रामीण इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच देसी फ्रिज यानी मटकी की मांग में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। गरीब और मध्यम वर्ग के लिए राहत देने वाले इन मटकों की बिक्री अब बाजार में तेजी से बढ़ रही है। स्थानीय बाजारों में चिकनी मिट्टी से बने घड़े 100 से 150 रुपये तक की कीमत में आसानी से उपलब्ध हैं। गर्मी बढ़ने के साथ ही दुकानदारों ने बाहर से तैयार घड़े मंगवाने शुरू कर दिए हैं, जिससे ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
मटकी को "गरीब का फ्रिज" कहा जाता है क्योंकि यह बिना बिजली के पानी को ठंडा रखता है और पर्यावरण के अनुकूल भी होता है। गर्मी में ठंडे पानी की चाहत रखने वाले लोगों के लिए यह किफायती विकल्प है। स्थानीय कुम्हारों का कहना है कि गर्मी का सीजन उनके लिए आमदनी का अच्छा अवसर लाता है। इस बार गर्मी समय से पहले और तीव्र पड़ रही है, जिससे बिक्री भी पहले से तेज हो गई है।
ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में मटकी की लोकप्रियता आज भी बरकरार है, जो आधुनिक जौवनशैली के बीच पारंपरिक साधनों की उपयोगिता को दर्शाता है।






