शिमला। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने सोमवार को यहां ‘चैडविक हाउस नेविगेटिंग ऑडिट हेरिटेज’ संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह संग्रहालय कैग के विकास और उपलब्धियों को दर्शाता है। चैडविक हाउस शिमला की एक महत्वपूर्ण पहचान है और यह एक समृद्ध और व्यापक इतिहास समेटे है। इसका ऐतिहासिक महत्व है। 1946 में कैबिनेट मिशन के लिए शिमला की यात्रा के दौरान महात्मा गांधी यहीं ठहरे थे। आजादी के बाद 1950 में, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा के लिए यहां एक प्रशिक्षण स्कूल शुरू किया गया था।
हालांकि, चैडविक हाउस धीरे-धीरे जर्जर हो गया। उचित देखभाल और रखरखाव के बिना यह 2018 में बंद होने के कगार पर था। मुर्मू ने कहा कि इसके बाद देश के प्रमुख ऑडिट संस्थान ने इस विरासत को बचाने के लिए कदम उठाया। दिसंबर, 2020 में इसके तत्कालीन मालिक प्रसार भारती (ऑल इंडिया रेडियो) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे चैडविक हाउस को एक संग्रहालय के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
अपने उद्घाटन भाषण में, मुर्मू ने ज्ञान के भंडार और लेखा परीक्षकों की भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में संग्रहालय के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘चैडविक हाउस सिर्फ एक इमारत नहीं है, न यह कभी थी। 1880 के दशक में निर्मित चैडविक हाउस को 1904 में कपूरथला के महाराजा राजा सरदार चरणजीत सिंह ने खरीदा था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शिमला आने पर चैडविक हाउस महात्मा गांधी का पसंदीदा निवास था।