लोक कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियां से समा बांधा राजस्थान दिवस पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

भरतपुर (31 मार्च/ कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) राजस्थान दिवस साप्ताहिक समारोह की श्रृंखला में रविवार को बीडीए ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत में बाड़मेर के करूणा वर्मा ने धरती धोरां री, पधारो म्हारे देश घर में पधारों गजाननजी , दमा दम मस्त कलंदर और सवा लाख की लुगड़ी ३.गीत की शानदार प्रस्तुति दी। इसके बाद लोक कलाकार बूंदी गणेश सोनी ने कच्छी घोडी नृत्य , लीला देवी ने चरी नृत्य के साथ घूमर नृत्य व बाड़मेर की मीना देवी ने कालबेलिया नृत्यों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी।
लीला देवी ने सर पर कलश रख अपनी नृत्य प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरीं। नदबई नवीन शर्मा के साथी कलाकारों ने बन मोर रिझावै....नाच नाच नटवर मोर बिहारी३ मोर बन आयो रसिया पर मयूर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दी। प्रस्तुतियों की कड़ी में जो हैं अलबेला मद नैनो वाला३गीत पर फूलों की होली को दर्शकों ने खूब सराहा।
राजस्थान दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही कविता पाठ भी हुआ। राष्ट्रीय भावना पर आधारित कवि सम्मेलन में कवि नरेन्द्र निर्मल और पूरन शर्मा ने अपनी कविता उनकी यादों के मन्दिर में दीपक रोज जलाता हूँ...
कवि हरिओम हरि ने अपणो प्यारों राजस्थान और लक्ष्मण चौधरी ने डिश लगवाई किसी से अब क्या कहना के मध्याम से गिरते हुए नैतिक मूल्यों पर व्यंग्यात्मक और महाराणा सांगा से लेकर महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल जाट, अमर सिंह राठौड़ , बूंदी की हाड़ा रानी आदि की आन बान शान, पराक्रम और शौर्य राजस्थानी व देश भक्ति से ओतप्रोत कविताएं प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम का संचालन अनुपमा चीमा ने किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर राहुल सैनी, अतिरिक्त निदेशक डीओआईटी कमल शर्मा, पर्यटन विभाग संयुक्त निदेशक संजय जौहरी, अन्य अधिकारियों एवं छात्र-छात्राएं ने शिरकत की।






