खाटू श्यामजी धाम के लिए एकादशी पर पदयात्रा रवाना
वैर (भरतपुर / कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) लधुकाशी के नाम से विख्यात एवं श्री श्री 1008 श्री बाबा मनोहर दास जी महाराज की तपोस्थली कस्बा वैर से जलझूलनी एकादशी के शुभ अवसर पर शनिवार को प्रातः काल पदयात्रा रवाना हुईं। पैदल पदयात्रा में दर्जनों श्याम प्रेमीयों ने शामिल होकर श्री खाटू श्याम जी महाराज हलैना पहुंच कर दर्शन लाभ प्राप्त किया। पदयात्रा में शामिल स्त्री पुरुष बच्चे बुजुर्ग लोगों ने श्रीं खाटू श्यामजी महाराज की बाबडी वाले हनुमान जी महाराज मन्दिर वैर पर आरती कर रवानगी ली। श्याम प्रेमी श्री खाटू श्यामजी के जयकारे लगाते हुए डीजे की धुन पर श्री श्याम जी महाराज के भजनों के साथ श्री खाटू श्यामजी महाराज हलैना मन्दिर प्रांगण में पहुंच कर आरती कर अपने परिवार के लिए क्षसुख समृद्धि की कामना की। मन्दिर के पुजारी एवं महन्तों ने बताया कि जलझूलनी एकादशी भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाईं जाती है।इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म के अनुसार जलझूलनी एकादशी का महत्वपूर्ण स्थान है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में जाकर करवट बदलते हैं। जलझूलनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जलझूलनी एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुभ माना जाता है। तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है इस दिन तुलसी की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। क्षजलझूलनी एकादशी को परिवर्तनीय एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि श्याम प्रेमी कस्बा वैर से हर एकादशी को पैदल पदयात्रा कर खाटू श्याम जी हलैना के लिए रवाना होकर श्री खाटू श्यामजी महाराज के दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं।