भ्रष्टाचार के आरोप: ठेकेदारों ने प्रशासन के खिलाफ कोषाधिकारी और एडीएम से की शिकायत

भरतपुर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) जिले के कुछ ठेकेदारों ने सर्किट हाउस प्रशासन के खिलाफ कोषाधिकारी और एडीएम से शिकायत की है कि सर्किट हाउस में कामों के लिए जो टेंडर डाले गए उनमें पारदर्शिता नहीं रखी गई है और टेंडर में अपने कुछ चहेते लोगों को लाभ देने का काम किया गया है। हिंदुस्तान सुकरानों एन्ड कंपनी के प्रोपराइटर कीर्ति रथ सिंह ने बताया कि नियम के अनुसार खुली बोली या समिति बोली या अन्य प्रकार की निविदा बिक्री प्रतिभूति राशि में छूट प्रदान है। आरटीपीपी एक्ट के बिंदु संख्या 75 के अनुसार कार्य संपादन प्रतिभूति राशि लिए जाने का प्रावधान है, जिसका उल्लेख किराना की निविदा में किया गया है तथा यह अन्य निविदा की शर्तों में नहीं किया गया है जो अपने चहेतों को निजी लाभ देना दर्शाती है। वित्त और जीएसटी विभाग की अधिसूचना 135 के 32 अनुसार विश्राम गृह अतिथि ग्रहों में किराना सामान राज्य सरकार विभागों सहकारी सोसायटी की दुकान से लिए जाने का प्रावधान है। आरटीपीपी एक्ट के बिंदु 80 के अनुसार निविदा में वार्षिक टर्नओवर की शर्ते किसी चहेतों को निजी लाभ देना दर्शाती हैं। 95 लाख की निविदा के लिए टर्नओवर 20 लाख मांगा गया है। नियम के अनुसार निविदा में बोली लगाने वाला ठेकेदार 1000 की स्टाम्प पर करार एग्रीमेंट करवाए लेकिन निविदा में वह शर्त नहीं डाली गई है। किराना की निविदा में 500 के स्टाम्प पर एग्रीमेंट करने की शर्त डाली है। इसे सरकार को राजस्व की हानि होगी साथ ही निविदा में यह नहीं बताया गया कि कब तक सर्किट हाउस में सामान उपलब्ध कराना है।






