एक जिला-एक उत्पाद के सफल क्रियान्वयन हेतु कार्यशाला आयोजित
भरतपुर कृषि आधारित उत्पाद एवं डीग जिले में स्टोन आधारित उत्पाद से संबंधित इकाई अनिवार्य रूप से ओडीओपी पोर्टल पर करायें पंजीकरण

भरतपुर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) राज्य के जिलों को एक जिला-एक उत्पाद कार्यक्रम अंतर्गत चयनित उत्पादों के एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा लागू की गई एक जिला-एक उत्पाद नीति 2024 के अन्तर्गत भरतपुर एवं डीग जिले में व्यापक प्रचार-प्रसार एवं सफल क्रियान्वयन के उद्वेश्य से शुक्रवार को कार्यालय जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र में राज्य प्रभारी अधिकारी संयुक्त आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य विभाग पी.एन. शर्मा की अध्यक्षता में भरतपुर एवं डीग जिले के औद्योगिक संघ प्रतिनिधि, उद्यमियों, बैंक अधिकारियों एवं चार्टेड अकाउंटेंटस के साथ एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई।
संयुक्त आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य विभाग पी.एन. शर्मा ने योजना के बारे में जानकारी प्रदान करते हुये अवगत कराया गया कि योजना अंतर्गत पंजीकृत नवीन सूक्ष्म उद्यमों को परियोजना लागत का 25 प्रतिशत (अधिकतम 15 लाख रू) एवं लघु उद्यमों को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (अधिकतम 20 लाख रू) मार्जिन मनी अनुदान उपलब्ध रहेगा। उन्होंने बताया कि उत्पाद के विपणन हेतु देश-विेदेश में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय मेले, प्रदर्शनी में भाग लेने पर स्टॉल रेंट अनुदान व आवागमन हेतु अधिकतम 2 लाख रूपये तक की सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा स्थापित प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों से उन्नत प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर अधिग्रहण हेतु किये गये व्यय पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रू) तक की सहायता, राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रमाणन प्राप्ति तथा बौद्धिक संपदा अधिकार हेतु व्यय पर 75 प्रतिशत (अधिकतम 3 लाख रू) तक की पुनर्भरण सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि ई-कॉमर्स के प्रयोग को प्रोत्साहित करने हेतु 2 वर्ष तक प्लेटफॉर्म फीस का 75 प्रतिशत (अधिकतम 1 लाख रू प्रतिवर्ष) तक पुनर्भरण, कैटेलॉग सेवाओं के लिये और पूरी तरह कार्यात्मक लेने-देन वाली ई-कॉमर्स वेबसाइट के विकास के लिये कुल व्यय पर 60 प्रतिशत (अधिकतम 75 हजार रू) तक की एक मुश्त सहायता जैसी सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत भरतपुर जिले में कृषि आधारित उत्पाद एवं डीग जिले में स्टोन आधारित उत्पादों को चयनित किया गया है, जिनका पंजीकरण एसएसओ आईडी पर उपलब्ध ओडीओपी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन किया जा सकता है।
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबन्धक सीएम गुप्ता ने उपस्थित औद्योगिक प्रतिनिधियों, उद्यमियों एवं चार्टेड अकाउंटेंटस से अपील करते हुये कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत चिन्हित उत्पादों को बढावा देने के लिये एक जिला-एक उत्पाद नीति 2024 लागू की गई है, जो कि राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी नीति है एवं इसकी मॉनिटरिंग नियमित रूप से माननीय मुख्यमंत्री स्तर से की जा रही है। अतः भरतपुर जिले में स्थित कृषि आधारित उत्पाद से संबंधित इकाई एवं डीग जिले में स्टोन आधारित उत्पाद से संबंधित इकाई अनिवार्य रूप से ओडीओपी पोर्टल पर पंजीकरण करवाते हुये योजना अंतर्गत देय लाभ शीघ्र प्राप्त करें। साथ ही इस संबंध में महाप्रबंधक, डीआईसीसी, भरतपुर को भी कैम्प आयोजित किये जाने बाबत् निर्देश प्रदान किये गये।
कार्यशाला में ये सुझाव हुये प्राप्त
कार्यशाला में बृज उद्योग संघ के संरक्षक राधेश्याम गोयल द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में ताज ट्रेपेजियम जोन अंतर्गत आने के कारण भरतपुर एवं डीग जिले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा नवीन एवं विस्तार उद्यमों को अनुमति प्रदान नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि एनसीआर एवं टीटीजेड प्रावधानों के कारण भूमि रूपान्तरण प्रकरणों के निस्तारण में अनावश्यक विलंब होता है, जिसके कारण भरतपुर एवं डीग जिले का औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा है। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग संयुक्त आयुक्त द्वारा उपस्थित औद्योगिक प्रतिनिधियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय अंतर्गत विचाराधीन प्रकरण में पार्टी बनते हुये अच्छे अधिवक्ता के माध्यम से पैरवी करवाने बाबत् सुझाव दिया गया। श्री राधेश्याम गोयल, संरक्षक, बृज उद्योग संघ, भरतपुर द्वारा अवगत कराया गया कि प्रतिवर्ष द सैन्ट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इन्ड्रस्टी एण्ड ट्रेड एवं मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा दो दिवसीय सेमिनार एवं प्रदर्शनी आयोजित की जाती है। उन्होंने बताया कि सेमीनार में देशभर से लगभग 2 हजार एग्रो-प्रोसेसिंग उद्यमियों द्वारा भाग लिया जाता है। उन्होंने बताया कि माह मार्च 2026 में सेमिनार एवं प्रदर्शनी भरतपुर ऑयल मिलर्स एसोसियेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जानी प्रस्तावित है अतः एक जिला-एक उत्पाद नीति 2024 अंतर्गत मार्केटिंग असिस्टेंस हेतु प्रदर्शनी को सम्मिलित किया जा सकता है एवं राज्य सरकार द्वारा पार्टनर-स्टेट के रूप में सहयोग किया जा सकता है। इस पर संयुक्त आयुक्त द्वारा ओडीओपी पॉलिसी के तहत प्रदर्शनी को सम्मिलित करवाने बाबत् प्रस्ताव भिजवाने के लिये महाप्रबंधक डीआईसीसी को निर्देशित किया गया एवं पार्टनर-स्टेट के संबंध में उच्च स्तर से चर्चा करने हेतु आश्वासन प्रदान किया गया।
कार्यशाला में सीए राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में भरतपुर एवं डीग जिले में टीटीजेड एवं एनसीआर प्रावधानों के कारण नवीन उद्यम नहीं लग पा रहे हैं। एक जिला-एक उत्पाद नीति 2024 अंतर्गत मार्जिन मनी अनुदान हेतु नवीन उद्यमों के साथ-साथ विस्तार उद्यमों को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए साथ ही टैक्नोलॉजी अपग्रेडशन के साथ-साथ उद्यम के आधुनिकीकरण हेतु सहायता प्रदान की जानी चाहिए। संयुक्त आयुक्त द्वारा इस संबंध में सक्षम स्तर से निर्णय करवाये जाने बाबत् आश्वस्त किया गया। निखिल लॉल, एलडीएम, डीग द्वारा अवगत कराया गया कि एक जिला-एक उत्पाद नीति 2024 अंतर्गत मार्जिन मनी अनुदान हेतु कुल परियोजना लागत में अधिकतम 10 प्रतिशत वर्किंग कैपिटल का प्रावधान किया गया है, जबकि व्यावहारिक तौर पर अधिकांश उद्यमों में 10 प्रतिशत से अधिक वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता होती है। संयुक्त आयुक्त द्वारा इस संबंध में उच्च स्तर पर विचार-विमर्श कर निर्णय करवाये जाने बाबत् आश्वासन दिया ।






