आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का प्रथम समाधि दिवस पर विनयांजलि सभा हुआ आयोजन.
आचार्य श्री के ग्रंथों का स्वाध्याय करना सच्ची विनयांजलि
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जयपुर (6 फरवरी/ कमलेश जैन) श्री दिगंबर जैन मंदिर महारानी फार्म , गायत्री नगर में मंदिर प्रबंध समिति के तत्वावधान में परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का प्रथम समाधि दिवस माघ शुक्ला नवमी , गुरुवार , 6 फरवरी को प्रातः 7:30 बजे विधानाचार्य पंडित अजित शास्त्री जी के निर्देशन में भक्ति भाव से श्री जी के अभिषेक, शान्तिधारा कर विनयांजलि व पूजा का कार्यक्रम संपन्न हुआ । प्रथम अभिषेक व शांतिधारा राकेश पाटोदी व सहयोग राजेश बोहरा ने किया।
इस अवसर पर आचार्य श्री के छायाचित्र पर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कैलाश छाबड़ा, उपाध्यक्ष अरुण शाह व मंत्री राजेश वोहरा ने दीप प्रज्ज्वलन किया। मंगलाचरण श्रीमती सुनंदा अजमेरा ने किया ।
इस अवसर पर मंदिर प्रबंध समिति ने पंडित अजित शास्त्री, सिद्धार्थ टोंग्या व निलेश जैन पुजारी का स्वागत किया। अजित शास्त्री ने आचार्य श्री के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन के अनेक संस्मरण बताएं।
अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन युवा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन ने आचार्य श्री के प्रति विनायांजलि प्रस्तुत करते हुए कहा कि लोक में आचार्य श्री ने अनेकों उपकार किये हैं उन्होंने गौशाला, हथकरघा, को बढ़ावा दिया,भारत को भारत कहने के लिए भारत सरकार व प्रशासन को विशेष जोर दिया आचार्य श्री के रचित अनेकों ग्रंथ हैं उनका स्वाध्याय करना सच्ची विनयांजलि होगी।
मंदिर प्रबंध समिति गायत्री नगर ने यहां विद्वान की व्यवस्था कर प्रतिदिन स्वाध्याय कक्षा चला रखी है उसका पूर्ण उपयोग हम सभी को उठाना चाहिए यही सच्ची विनयांजलि होगी। इस अवसर पर मंजू सेवा वाले ने भी भजन के माध्यम से विनयांजलि प्रस्तुत की।
सभा में सारस मल झांझरी द्वारा प्रस्तुत आचार्य श्री के संबंध में संस्मरण लिखित रूप में प्रस्तुत किए जिनका वाचन उपाध्यक्ष अरूण शाह द्वारा किया गया तत्पश्चात सुंदर सजे हुए थालों में अष्टद्रव्य से भक्ति के साथ आचार्य श्री की सामुहिक पूजा की गई। कुशल संचालन उपाध्यक्ष अरुण शाह द्वारा किया गया। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कैलाश छाबड़ा ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया।
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