जाटौली थून के आम रास्तों पर कीचड एवं जलभराव की समस्या, आखिर कब होगी दूर?
ग्रामींण नारकीय जीवन जीने को मजबूर
जनूथर (डीग उपखंड के जनूथर क्षेत्र के ग्रामींण क्षेत्रों में सफाई एवं स्वच्छता को लेकर प्रशासन द्वारा दावे तो वहीं जनप्रतिनिधियों द्वारा वादे तो बहुत किये जाते हैं मगर जमींनी स्तर पर हालात बेहद बदतर हैं।उपखंड डीग के गाँव जाटौली थून के आमरास्तों पर ऐसे ही हालात हैं जहाँ आमरास्तों पर जलभराव एवं गंदगी का आलम है।जलभराव सहित गंदगी की यह समस्या वर्षों से है मगर समस्या समाधान की ओर ग्राम पंचायत की ओर से जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।पूर्व सरपंच आमरास्तों पर जमा कीचड की समस्या समाधान में विफल साबित हुए तो वहीं वर्तमान सरपंच द्वारा भी समस्या की ओर जरा भी गौर नहीं किया जा रहा है।जगह -जगह रास्तों पर कीचड के जमाबडे एवं जलभराव के चलते ग्रामींण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।गाँव के वार्ड संख्या 6 में लेखराज के मकान से रामेश्वर के घर तक आमरास्ता कीचड से अवरुद्ध है तो वहीं कचहरी थोक से लेकर नगला देशवार को जाने वाले सडक मार्ग पर फीटों गहरे गढ्ढों के चलते हालात बेहद भयावह हैं जहां आमरास्ते पर घुटनों गंदा पानी जमा है जिससे गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है।इन मार्गो में स्कूली बच्चों बुजुर्गों सहित महिलाऐं आये दिन चोटिल हो रही हैं।इसी रास्ते पर जीएसएस कार्यालय सहित राजकीय प्राथमिक विद्यालय है जहां पोलिंग बूथ है।पंचायत समिति एवं जिला परिषद सदस्य के लिए होने वाले चुनाव के चलते मतदाताओं को खासी परेशानी उठानी पड सकती है।वहीं निगमकर्मियों एवं स्कूली स्टाफ को प्रतिदिन अपने गंतव्य तक पहुंचने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड रहा है।दुपहिया वाहन चालकों को अन्य रास्तों से गुजरने पर मजबूर होना पड रहा है।रास्ते पर जलभराव एवं कीचड से उठ रही दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल है।जमा कीचड पर मच्छर पनपने से मौंसमीं बीमारी फैलने का भी अंदेशा बना हुआ है।