सज्जन व्यक्ति करते है ज्ञान, समय, संपत्ति और सत्ता का सदुपयोग, बोरावड़ में धर्म प्रवचन हुआ आयोजित
मकराना (मोहम्मद शहजाद)। सत्संग से मनुष्य को संतोष व ईश्वर कृपा की प्राप्ति होती है। परंतु जिनकी वाणी, विचार व व्यवहार में दुष्टता है, ऐसे व्यक्ति का दर्शन नहीं करना चाहिए। परमात्मा से प्रार्थना करें कि किसी ऐसे व्यक्ति का स्वप्न में भी मिलाप ना हो। ये बात मकराना के निकट बोरावड़ कस्बे के नागौर रोड़ पर स्थित श्रीधन हीरो इलेक्ट्रिक के पास धनराज कुमावत के निवास पर आयोजित धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए रामस्नेही सम्प्रदास की विदुषि अनुयायी ओमादेवी अग्रवाल ने की। उन्होंने कहा कि भक्ति का अर्थ खुद को पहचानना है, कलियुग मेें सच्चाई के साथ भक्ति के मार्ग पर चलकर ही राम की प्राप्ति सम्भव है। उन्होंने समय व काल के अन्तर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भक्ति में जीवन जीने की अवधि समय है, जबकि सांसारिक भोग में समय व्यतीत करना काल है। उन्होंने कहा कि संतों के गुणों का आश्रय लेकर जीवन को सफल बनाया जा सकता है। सज्जन सदा ज्ञान, समय, संपत्ति और सत्ता का सदुपयोग करते हैं। दुर्जन की कृपा भी कष्ट देती है। उन्होंने कहा कि हम जैसी संगति करेंगे वैसा ही हमारा आचार विचार व्यवहार होगा। उसके अनुरूप हम आगे का कार्य करेंगे। अत: सदा संगति का ध्यान रखेंगे और संतों का संग करेंगे तो जीवन सुधर जाएगा। इस अवसर पर राजीव गांधी ऑल इंडिया कांग्रेस की जिला अध्यक्ष मंजू देवी सैनी, धनराज कुमावत, राकेश कुमावत, रोहित कुमावत, शरबती देवी, श्रीदेवी, सीमा कुमावत, मनीषा कुमावत, राजूदेवी, रेखा देवी, सन्तोष देवी, प्रेमलता, बुल्यादेवी, निशा देवी, कमला देवी, शकुन्तला, पुष्पादेवी, शशिदेवी, भंवरीदेवी, कौशल्या देवी, कविता, नौरती, चूंका देवी, शान्तिदेवी, सायरी, सुशीला, मींरा देवी, कमला देवी, सन्तरा देवी, शकुन्तला देवी तथा पतासी देवी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।