दाऊजी मन्दिर पर रामकथा - जय प्रिया बरसाना वाली ने रामजन्म की मनमोहक कथा यज्ञ के प्रसादी ग्रहण करने मात्र से ही राजा दशरथ की तीनों रानियां बनी गर्भवती

Apr 6, 2025 - 18:22
 0
दाऊजी मन्दिर पर रामकथा - जय प्रिया बरसाना वाली ने रामजन्म की मनमोहक कथा यज्ञ के प्रसादी ग्रहण करने मात्र से ही राजा दशरथ की तीनों रानियां बनी गर्भवती

रूपबास, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) रूपबास शहर से 3 किलोमीटर दूर चेकोंरा रोड स्थित दाऊजी मन्दिर पर रामकथा के तीसरे दिन कथावाचक साध्वी जय प्रिया जी ने रामजन्म की बड़ी मनमोहक कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि राजा दशरथ ने गुरू की आज्ञा से पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया । राजा दशरथ ने श्यामकण घोड़े को चतुरंगिणी सेना के साथ छुड़वाने का आदेश दिया और समस्त मनस्वी, तपस्वी, ऋषि मुनियों तथा वेदविज्ञ प्रकाण्ड पण्डितों को बुलावा भेजा ,वे चाहते थे कि सभी यज्ञ में शामिल हों। यज्ञ का समय आने पर महाराज दशरथ सभी अतिथियों व अपने गुरु वशिष्ठ जी के समेत अपने परम मित्र अंग देश के अधिपति लोभपाद के जामता ऋंगी ऋषि के साथ यज्ञ मण्डप में पधारे और विधिवत रूप से यज्ञ का शुभारंभ किया । यज्ञ की समाप्ति के बाद समस्त पण्डितों, ब्राह्मणों, ऋषियों आदि को यथोचित धन धान्य,गौ आदि भेंट देकर सादर विदा किया गया।यज्ञ के प्रसाद में बनी खीर को राजा दशरथ ने अपनी तीनों रानियों को दी प्रसाद ग्रहण करने के परिणामस्वरूप तीनों रानियां गर्भवती हो गई । सबसे पहले महाराज दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने एक शिशु को जन्म दिया जो बेहद ही कान्तिवान,नील वर्ण और तेजस्वी था। इस शिशु का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को हुआ था इस समय पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य, मंगल, शनि, बृहस्पति तथा शुक्र अपने अपने उच्च स्थानों में विराजित थें   और साथ ही कर्क लग्न का उदय हुआ था ।

इसका नाम राम रखा गया। इसके बाद शुभ नक्षत्रों में कैकेयी और सुमित्रा ने भी अपने अपने पुत्रों को जन्म दिया। कैकेयी का एक व सुमित्रा के दोनों पुत्र बहुत ही तेजस्वी थें , महाराज के चारों पुत्रों के जन्म से  सम्पूर्ण राज्य में आनन्द का माहौल था।हर कोई खुशी में गंधर्व गान कर रहा था और अप्सराएं नृत्य कर रही थी। देवताओं ने पुष्प वर्षा की, महाराज ने ब्राह्मणों व याचकों को दान दक्षिणा दी और उन सभी ने महाराज के पुत्रों को आर्शीवाद दिया। प्रजा जनों को महाराज ने धन धान्य और दरबारियों को रत्न, आभूषण भेंट दीं। इस मौके पर पूरे पंडाल में चारों ओर भय प्रकट कृपाला दीन दयाल की आरती गुंजायमान हो उठी। साथ ही आश्रम के संत राघव चेतन जी ने आरती की। राम कथा में तीसरे दिन साधु संतों के साथ साथ रूपबास शहर, चेकोरा, शक्करपुर,  इब्राहिमपुर, समेसुरा,खानसूरजापुर, सहित विभिन्न गांवों के भक्तगणों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

समाजसेवी संजीव गुप्ता ने बताया कि रूपबास शहर से 3 किलोमीटर दूर गुप्त कालीन बलराम, रेवती, लक्ष्मी माता पांडवों के परिवार की प्राचीन मूर्ति हैं जिसको देखने दूर -दराज से चलकर लोग आते हैं।  शिक्षाविद् हरिशंकर शर्मा ने बताया कि हनुमान जयंती 12 अप्रैल को रामकथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन होगा जिसमें क्षेत्रीय आमजन व भक्त गण तन मन धन से जुड़कर सहयोग कर रहे हैं।

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

एक्सप्रेस न्यूज़ डेस्क बुलंद आवाज के साथ निष्पक्ष व निर्भीक खबरे... आपको न्याय दिलाने के लिए आपकी आवाज बनेगी कलम की धार... आप भी अपने आस-पास घटित कोई भी सामाजिक घटना, राजनीतिक खबर हमे हमारी ई मेल आईडी GEXPRESSNEWS54@GMAIL.COM या वाट्सएप न 8094612000 पर भेज सकते है हम हर सम्भव प्रयास करेंगे आपकी खबर हमारे न्यूज पोर्टल पर साझा करें। हमारे चैनल GEXPRESSNEWS से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद................