समर कैम्प के समापन पर युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प
खैरथल (हीरालाल भूरानी)
राजकीय महाविद्यालय खैरथल में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन तीन दिवसीय समर कैम्प के तीसरे दिन दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और कथाकार सविता पाठक, पर्यावरणविद् कबीर संजय , प्रकृति के संरक्षण दिशा में विशिष्ट प्रयास कर रहे निर्वाण बोधिसत्व तथा हिंदी के समर्पित शिक्षक और साहित्यकार प्रेम प्रकाश शर्मा ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किए। समर कैम्प के विद्यार्थी प्रतिनिधि रजनदीप कौर ने जानकारी दी कि प्रथम खेल सत्र में डॉ. दीपक चंदवानी ने युवाओं को आत्मविश्वास जाग्रत करने और एकाग्रता पैदा करने वाले खेल खिलाए। तत्पश्चात विचार सत्र में प्रो. सविता पाठक ने विद्यार्थियों को भारत की विविधरूपा संस्कृति को बचाए रखने लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी भी बीज का प्रतीक होते हैं जो सीखे हुए ज्ञान का पूरी दुनिया में प्रसार करने का श्रेष्ठ माध्यम होते हैं। अपनी पर्यावरण केंद्रित पुस्तकों 'चीता', 'ओरांग उटान', 'गोडावण' तथा 'जंगलकथा' सीरीज के लेख लिखकर पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा कर रहे दिल्ली से आए पर्यावरणविद् संजय कबीर ने युवाओं का ध्यान प्रकृति से जुड़ी चिंताओं की ओर आकर्षित किया। उन्होंने गिद्ध, डोडो, चीता और अनेक अन्य प्रजातियों के विलुप्त होते चले जाने से प्रकृति और मानव के लिए पैदा होने वाली नवीन समस्याओं से विद्यार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने ग्रीन हाउस इफेक्ट और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों को बड़े ही सहज भाव से विद्यार्थियों के जीवन से जोड़कर समझाया। हिंदी शिक्षक व साहित्यकार प्रेम प्रकाश शर्मा ने मानव में करुणा की उपस्थिति को मानव होने की पहली शर्त बताया। उन्होंने छात्राओं से संघर्ष के रास्ते पर चलते हुए अपने अधिकारों के लिए लड़ने का आह्वान किया और 'तुम आने ब्याहने मुझको' कविता सुनाकर जीवन में प्रेम की उपस्थिति को अनिवार्य बताया। निर्वाणवन फाउंडेशन के निदेशक निर्वाण बोधिसत्व ने अपनी पर्यावरणीय संस्कृति को बचाने के लिए विद्यार्थियों को छोटे-छोटे सूत्र बताए। उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए अपने फाउंडेशन द्वारा किए गए प्रयासों से विद्यार्थियों को अवगत करवाया। उन्होंने कई छोटी-छोटी बोध कहानियों के माध्यम से हमारी लोक संस्कृति और प्रकृति को बचाने के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। इसी क्रम में महाविद्यालय की छात्रा रिंकी, तुषिता, रजनदीप, मेघा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। समर कैम्प में पंकज, मंजू, निकिता, हर्षिता, अंतिम, आरती, तन्नू, शिवानी आदि विद्यार्थियों ने भाग लिया।