Sc आरक्षण को लेकर राष्ट्रपति को भेजा पत्र, फैसले को लागू नहीं करने की मांग
तखतगढ़ (बरकत खान) एससी/एसटी आरक्षण को लेकर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा तखतगढ़ ने बुधवार को राष्ट्रपति को पत्र लिख उच्चतम न्यायालय संविधान पीठ ने एक अगस्त को 6-1 जजों की बैंच ने एससी/ एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर व उप वर्गीकरण का फैंसला दिया है उस फैसले को लागू नहीं करने की मांग की गई है। पत्र के जरिए संयुक्त मोर्चा ने चेताया की सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से इन वर्गों में असमानता फैलेगी, साथ ही आरक्षित वर्ग में आपसी वैमनस्यता की भावना पैदा होगी।
पत्र में पांच प्रमुख बिंदु के जरिए चिंता जताते हुए राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित कर बताया की देश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एससी/ एसटी वर्गो का छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखराव होगा। वर्ष 2004 में ई. श्री चिन्नैया आर्टिकल 341 के फैसले को खारिज कर दिया गया था। उस फैसले में कहा गया था की उप वर्गीकरण की मंजूरी नही दी जा सकती है। वही देश में आज भी छुआछूत की भावना व्याप्त है, देश के कुछ अदालतों में एससी/ एसटी वर्गो के साथ हुए भेदभाव के मामले विचाराधीन है, और कई मामलों में फैसले दिए जा चुके है। एससी/ एसटी वर्गीकरण से छोटे - छोटे टुकड़ों में सामाजिक विखंडन करना आपसी बंटवारा कर इन वर्गो को तोड़ने की साजिश है। एससी/ एसटी वर्गो में असमानता लाने के लिए आरक्षण का उप - वर्गीकरण व क्रीमीलेयर का प्रावधान करना संवैधानिक तौर पर घातक साबित होगा। अत: एससी/ एसटी वर्गो का बिखराव ना हो इसलिए इस फैसले को लागू न किया जाए।