जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को फलता-फूलता देख पाकिस्तान को दर्द हो रहा है: - राजनाथ सिंह

Sep 22, 2024 - 19:26
Sep 22, 2024 - 19:31
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जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को फलता-फूलता देख पाकिस्तान को दर्द हो रहा है: - राजनाथ सिंह
पुंछ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में भारी संख्या में हिस्सा लेने के लिए लोगों की रविवार को सराहना की और कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र को फलते-फूलते देख पाकिस्तान के ‘‘पेट में दर्द’’ हो रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिंह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर अपने घोषणापत्रों में संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली की बात करके लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन दलों को ‘‘पाकिस्तान के प्रॉक्सी’’ के रूप में काम करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 61 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ जो 30 वर्षों में सर्वाधिक है और लोकसभा चुनाव में हुए 58 प्रतिशत के रिकॉर्ड मतदान को भी पीछे छोड़ दिया। दुनिया में यह संदेश गया है कि अनुच्छेद 370 को भारत की बेहतरी के लिए हटाया गया।’’
सिंह ने यहां भाजपा उम्मीदवार चौधरी अब्दुल गनी के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘लोगों ने लोकतंत्र का झंडा इतना ऊंचा उठा दिया है कि पाकिस्तान के पेट में दर्द हो रहा है। हम पाकिस्तान के साथ दुश्मनी नहीं चाहते, क्योंकि हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। पाकिस्तान अपनी घरेलू समस्याओं से अपने लोगों का ध्यान हटाने के लिए भारत के खिलाफ नापाक हरकतें करता रहता है।’’
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान का हवाला देते सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश को जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार किसने दिया है। आसिफ ने कहा था कि उनका देश और नेकां-कांग्रेस गठबंधन अनुच्छेद 370 की बहाली पर एक ही राय रखते हैं। सिंह ने कहा, ‘‘मैं नेकां, कांग्रेस और पीडीपी के अपने मित्रों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप पाकिस्तान के प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं?’’
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग परेशान हैं और भारत में शामिल होना चाहते हैं। सिंह ने कहा, ‘‘वे (पीओके के लोग) जम्मू एवं कश्मीर में बदलाव और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रगति देख रहे हैं। वे अपनी समृद्धि के लिए भारत में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं और वे अब उनके (पाकिस्तान) साथ नहीं रहना चाहते।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने कभी भी धर्म के आधार पर लोगों के बीच भेदभाव नहीं किया और पीओके के निवासियों को अपना माना। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन ‘‘हम दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं’’ का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान सही रास्ते पर चलता है, तो भारत अपने पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध रखने को तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें वाजपेयी के शब्दों को नहीं भूलना चाहिए।’’
सिंह ने कहा, ‘‘नेकां, कांग्रेस और पीडीपी नेता अनुच्छेद 370 को लेकर काफी शोर मचा रहे हैं और उन्होंने इसे बहाल करने का वादा किया है। आप इसे कैसे बहाल करेंगे, क्योंकि केवल केंद्र सरकार के पास ही ऐसा करने का अधिकार है?’’ पांच अगस्त, 2019 को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था,और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। पिछले 35 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में हुई मौतों और तबाही के लिए अनुच्छेद 370 को जिम्मेदार ठहराते हुए सिंह ने कहा कि आतंकवाद के कारण जान गंवाने वालों में 80 प्रतिशत मुसलमान थे।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर नेकां-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है, तो लोग (आतंकवाद के कारण) अपनी जान गंवाना शुरू कर देंगे। अनुच्छेद 370 के कारण ही जम्मू-कश्मीर पिछड़ गया।’’ वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर भाजपा यहां सत्ता में आती है तो वह सुनिश्चित करेगी कि जम्मू-कश्मीर 10 साल में देश का सबसे विकसित क्षेत्र बने। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से पूछा, ‘‘वह समय चला गया जब श्रीनगर के मुख्य केंद्र लाल चौक पर तिरंगा नहीं होता था। क्या अब किसी के पास इतनी ताकत है कि वह किसी को वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोक सके?’’
 
सिंह ने नेकां, कांग्रेस और पीडीपी पर लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया और कहा कि ‘‘भारत की धरती पर जन्मा हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, भारतीय नागरिक है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ही एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो जम्मू-कश्मीर का गौरव बहाल कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला जम्मू-कश्मीर अतीत के भंवर में खो गया। हमें इसे इस भंवर से बाहर निकालना है और आगे ले जाना है। पहले के शासकों ने इसे पिछड़ा बनाए रखा और विभाजनकारी राजनीति में लिप्त रहे।’’
सिंह ने कश्मीर की संस्कृति की सराहना करते हुए कहा, ‘‘आपने आतंकवादी गतिविधियों में कमी देखी है। जम्मू-कश्मीर को अब आतंकवाद के लिए नहीं, देश की पर्यटन राजधानी के रूप में जाना जाता है।’’ उन्होंने स्थानीय राजनीतिक नेताओं पर क्षेत्र को तबाह करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मोदी की राजनीति उन्हें जम्मू-कश्मीर को और बर्बाद नहीं करने देगी। मोदी के दिल में जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष स्थान है।’’ सिंह ने कहा कि पुराने राजनीतिक खानदानों की नजर केवल सत्ता हथियाने पर है जबकि भाजपा वाजपेयी के शब्दों ‘‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’’ पर अमल कर रही है।

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