रबी की फसल के लिए मानसून की मेहर जरूरी बांध है सूखे
लक्ष्मणगढ़ ( अलवर, राजस्थान/ गिर्राज सौलंकी) इस वर्ष मानसून की दगाबाजी ने उपखंड क्षेत्र के किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा है। दिन गुजरने के साथ ही किसानों की पीड़ा बढ़ती जा रही है। वही रवि की फसलों का भविष्य भी ओझल नजर आ रहा है। यदि अब भी बरसात नहीं हुई तो रवि की फसल बुवाई पर संकट आना तय है। क्योंकि इस वर्ष मे उपखंड क्षेत्र के छोटे बड़े बांधों में पानी नहीं भरा है। बांध सूखे पड़े हुए हैं। इसके चलते बांधों में सिंचाई का पानी मिलने की उम्मीद टूट चुकी है।
वहीं जल स्तर भी नहीं बढ़ पाया है। मौसम विभाग के अनुसार 23 सितंबर तक बरसात का होना बताया गया है लेकिन अभी तक मानसून ने चमत्कार नहीं बताया है। यदि इस दौरान मानसून का मिजाज पूर्व की तरह ही रहा तो पानी और चारे की भी क्षेत्र में त्राहि-त्राहि मच ना तय है। वर्षा के अभाव में रबी की फसलोंपर संकट गहराने का डर किसानों को सता रहा है। रवि की फसल में किसान सरसों गेहूं और चना की बुवाई बड़े पैमाने पर करते हैं वही प्याज लहसुन की खेती भी इसी मौसम में होती है। ऐसे में इस साल सिंचाई के पानी के अभाव में रवि की फसलों का रकबा घट सकता है हालांकि अभी कृषि विभाग ने रबी फसल बुवाई के लिए लक्ष्य तय नहीं किया गया है। बांध नहीं भरने से किसानों का कहना है । कि फसलों की बुवाई का लक्ष्य कम रह सकता है।
उपखंड क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ हरसाना मौजपुर लिली गोरपहाड़ी कनवाड़ा कफनवाड़ा सजन पुरी आदि क्षेत्र के बांध सूखे पड़े हुए हैं। इससे सरसों चना आदि की बुवाई पर गहरा असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। आने वाली फसलों के लिए पानी की मार किसानों के अरमानों पर भारी पड़ सकती है।