वातावरण में नमी नहीं, सरसों की फसल को नुकसान
लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन ) उपखंड क्षेत्र में इन दिनों सर्दी नही पड़ने का नुकसान किसानों को हो रहा है। अगर मौसम की चाल यही रही तो किसानों को भारी परेशानी हो सकती है। कम सर्दी के कारण बीज सही तरीके से अंकुरित नहीं होंगे, जो सीधे तौर पर पैदावार को प्रभावित करेगा। नवंबर के मध्य तक सर्दी अपना असर दिखाना शुरू कर देती है, लेकिन अभी हाल है कि रात और सुबह सूखी सर्दी पड़ रही है। वातावरण में नमी नहीं है, इस वजह से अभी तक न तो कोहरा छाया है और न ही मावठ हुई है, जबकि रबी की फसल को ये लाभ देने वाले हैं।
सरसों की फसल के लिए कम तापमान लाभकारी रहता है, लेकिन यह सामान्य तापमान में भी पनप जाती है। इसमें नुकसान तभी संभव है, जब बारिश और पाला पड़े। अन्य मौसम में इसकी वृद्धि प्रभावित नहीं होती है। वहीं, अगर गेहूं, जौ और चने की फसल के लिए कोहरा और सर्दी नहीं होगी तो इसकी फसल की ग्रोथ नहीं होगी जो सीधे तौर पर पैदावार को प्रभावित करेगी। किसानों ने बताया कि रबी सीजन की फसल के अनुरूप अगर तापमान नहीं होता है तो पौधों की जड़ो में भी वृद्धि रुक जाती है, जिसकी वजह से पौधा पोषण लेना बंद कर देगा और फसल की पैदावार प्रभावित हो जाएगी।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर रबी सीजन में एक डिग्री से. तापमान बढ़ता है तो प्रति हेक्टेयर गेहूं की फसल में 2.5 क्विंटल का नुकसान हो सकता है। हालांकि अलवर में 2022 में 8 और 2023 में 10.8 डिग्री से. रिकॉर्ड किया गया था। इस साल तापमान 12 डिग्री से. के आसपास बना हुआ है। जो दो डिग्री से ज्यादा है। ऐसे में अगेती फसलों को नुकसान हो सकता है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अलवर जिला सरसों की खेती के लिए प्रथम स्थान रखता है।