अलवर के निजी अस्पताल में दुष्कर्म का मामला- चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर गठित कमेटी ने सौंपी जांच रिपोर्ट - बिना योग्यता एवं कौन्सिल में बिना पंजीयन नियोजन पर अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी
आरोपित जीएनएम छात्र नर्सिंग कोलेज से निष्कासित सभी निजी चिकित्सा संस्थानों से कार्यरत स्टाफ की भी मांगी जानकारी
जयपुर, राजस्थान
अलवर के एक निजी अस्पताल में नर्सिंगकर्मी द्वारा बेहोशी का इंजेक्शन देकर महिला से दुष्कर्म करने के मामले में राजस्थान नर्सिंग कौंसिल, जयपुर ने हरीश हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही, प्रदेश के सभी निजी चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ की सूचना मांगी है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने दुष्कर्म मामले की जानकारी मिलते ही एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। राजस्थान नर्सिंग कौंसिल ने चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से कमेटी का गठन किया। जांच कमेटी ने बुधवार को ही मामले की जांच-पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट दे दी है।
रिपोर्ट के अनुसार आरोपित चिराग यादव हरीश हॉस्पिटल में नर्सिंग हेल्पर के रूप में कार्य कर रहा था। जांच में पाया गया कि वह अलवर के स्कूल ऑफ नर्सिंग हरीश हॉस्पिटल में जीएएनएम सत्र 2018-19 का छात्र है और बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित चल रहा था। चिराग यादव नर्सिंग कौंसिल द्वारा रजिस्टर्ड नर्स भी नहीं है।
जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद नर्सिंग कौंसिल ने हरीश अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि बिना पंजीयन के और अयोग्य होते हुए अस्पताल में चिराग यादव का नियोजन किस आधार पर किया गया। साथ ही, नर्सिंग कौंसिल के निर्देशों पर चिराग यादव को स्कूल ऑफ़ नर्सिंग हरीश हॉस्पिटल से भी निष्कासित कर दिया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्रीमती शुभ्रा सिंह के निर्देश पर राजस्थान नर्सिंग कौंसिल ने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सा संस्थानों को पत्र जारी कर संस्थान में कार्यरत समस्त नर्सिंग स्टाफ की पात्रता, नर्सिंग कौंसिल में पंजीयन सहित अन्य सूचनाएं मांगी हैं। साथ ही, निदेशक जनस्वास्थ्य, डॉ रविप्रकाश माथुर ने अलवर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उक्त प्रकरण में कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अस्पताल में कार्यरत कार्मिक की योग्यता को लेकर एवं अन्य अनियमितताएं पाये जाने पर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट/रूल्स के तहत पंजीकरण निरस्त करने के भी निर्देश दिये हैं।