राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला: असम STF ने डीग से आरोपी को पकड़ा
राजस्थान से साइबर ठगी के 15 करोड़ रुपए पाकिस्तान ट्रांसफर

असम की एसटीएफ ने सीकरी पुलिस के साथ गांव बेला में दबिश देकर एक व्यक्ति को पकड़ा है, जिसके पास पाकिस्तान में चली हुई एक सिम मिली है। यह सिम असम के फर्जी पते से जारी हुई थी और कुछ समय पाकिस्तान में एक्टिव रही। इसके बाद यह सिम बेला आ गई और यहां साइबर ठगी में काम आ रही थी। पकड़ा गया व्यक्ति बेला निवासी सद्दीक पुत्र धन्ना हैं।
डीग (राजस्थान) पाकिस्तान में एक्टिव रही सिम से 15 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया। सिम राजस्थान काम में ली जा रही थी और यहीं से पूरा ट्रांजैक्शन किया गया है। बताया जा रहा है कि पूरा पैसा देश में अलग-अलग जगह की गई साइबर ठगी का था।
सिक्योरिटी एजेंसियों को आशंका है इस पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी एक्टिविटी में किया जा सकता है। शुक्रवार रात को असम स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने डीग के सीकरी इलाके से एक आरोपी गिरफ्तार किया है।
उसके पास मिली सिम ये सबूत मिले है। अधिकारी इस पूरे मामले कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि- ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जड़ा मामला है।
- क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार- डीग के बेला गांव में शुक्रवार रात 11 बजे असम एसटीएफ की टीम ने दबिश दी। गांव से आरोपी सद्दीक पुत्र धन्ना को गिरफ्तार कर डीग थाने लाया गया।
असम STF के अधिकारी ने बताया- आरोपी सद्दीक के पास मिली सिम कई दिन तक पाकिस्तान में एक्टिव रही है। यह असम के एक फर्जी पते के दस्तावेज देकर कश्मीर से खरीदी गई।
सिम को ट्रैस कर हम यहां तक पहुंचे। शक है कि इस सिम के जरिए आरोपी साइबर ठगी भी कर रहा था। पूछताछ के बाद आज (शनिवार) टीम आरोपी को अपने साथ लेकर जाएगी। एजेंसियों को उम्मीद है कि सद्दीक से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
25 मार्च 2025 को असम की गुवाहाटी स्पेशल टास्क फोर्स को इनपुट मिला। इसके बाद जकरिया अहमद नाम के आरोपी को पकड़ा गया था। जकरिया ने पूछताछ में बताया कि उसने हजारों फर्जी सिम बेची हैं।
इन्हीं में से एक सिम को कश्मीर से खरीदा गया। यह सिम पाकिस्तान में एक्टिव रही। इससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। सिम की लोकेशन निकाली तो यह बेला गांव (डीग) में एक्टिव पाई गई। इसके बाद असम STF के SSP कल्याण कुमार पाठक के नेतृत्व में एक टीम को सीकरी के लिए रवाना किया गया।
- 5 मोबाइल बरामद किए, 15 करोड़ का ट्रांजैक्शन मिला
आरोपी के पास से 5 मोबाइल मिले। एक मोबाइल में 15 करोड़ के ट्रांजैक्शन के सबूत मिले हैं। STF टीम सिम के पाकिस्तान कनेक्शन की जांच कर रही है।
अंदेशा है कि साइबर ठगी से अर्जित रकम को आरोपी पाकिस्तान भेजता था। असम एसटीएफ इस मामले में ज्यादा जानकारी देने से बच रही है। टीम के अनुसार फर्जी सिम मामले में देशभर में 10 जगहों पर छापेमारी की गई है।
- 150 गांवों में हजारों युवा ठगी से जुड़े
राजस्थान के तीन इलाके साइबर ठगी के लिए देशभर में बदनाम हैं। इनमें भरतपुर, अलवर और भिवाड़ी के 150 गांव शामिल हैं। यहां हजारों की संख्या में युवा साइबर ठगी करते हैं और देशभर के अलग-अलग इलाकों से फर्जी सिम यहां आती हैं।
यहां ठग बैंकों के फर्जी कर्मचारी बन फोन करना, ओएलएक्स जैसी साइटों पर नकली बिकवाल बनने जैसे तरीकों से दिन में 3 हजार रु. तक कमा लेता है।
ठग फर्जी कागजात, सिम, खाते व पते इस्तेमाल करते हैं, इसलिए पकड़ना मुश्किल होता है। बताया जाता है कि भरतपुर के गांवड़ी गांव से साइबर ठगी की शुरुआत हुई थी।
डेटा ने सुरक्षा एजेंसिंयों की नींद उड़ाई
देश में होने वाले साइबर ठगी के 70 प्रतिशत मामले इन क्षेत्रों से ही जुड़े हुए हैं। यहां के अनपढ़ या 10वीं फेल युवा भी कॉल सेंटर वालों की तरह अंग्रेजी के 5-7 सेंटेंस बाेलकर हर दिन 300-400 लोगों को ठग रहे हैं। यानी 3 शहरों के 150 गांवों में 8 हजार साइबर ठग रोज 1.6 से 2.4 करोड़ रुपए तक लूट रहे हैं।






