भारतीय मजदूर संघ ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

ईपीएफ की वेतन सीमा 15000 से बढाकर 30000 रूपये तथा ईएसआईसी की वेतन सीमा 21000 से 42000 रूपया की जाए। सार्वजनिक सम्पति की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाये व निजीकरण बन्द किया जाये। बीमा/वित्तीय क्षैत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश पर रोक लगाई जाये। स्कीम वर्कस (आंगनबाडी, आशा, ग्रामसाथी सहायिका इत्यादि) को सरकारी कर्मचारियो के समान वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा दी जाए। असंगठित क्षैत्र हेतु प्रर्याप्त राशी उपलब्ध कराई जाये।
भामस की वरिष्ठ व प्रदेश विधिक सलाहकार प्रभाष चौधरी ने बताया कि आंगनबाडी कर्मचारी संघ के द्वारा भी प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया गया जिसमें आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा, ग्रामसाथिन, को भी अपनी मांगे जैसे- स्थायीकरण, सेवानिवृति पर ग्रेच्युटी 5 लाख और जब तक स्थायी नहीं किया जाता तब तक 18000 रूपया मासिक वेतन आदि मांगो को लेकर भी प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर के द्वारा ज्ञापन प्रेषित किया गया । अगर मांगे नहीं मानी गई तो कार्यसमिति के निर्णयानुसार आन्दोलन की रूपरेखा तैयार कर आंदोलन किया जायेगा। प्रदर्शन के दौरान रजनीश शक्तावत, कमलेश हाडा, कविता धाकड, रेखा दमामी, स्नेहलता बाहेती, सीता सोनी, बबली भट्ट, कमला बैरवा, माया प्रजापत, रामेश्वर दरोगा, छोटू गुर्जर, हितेन्द्र सिंह, राजेश चतुर्वेदी, जयसिंह, रामेश्वर खटीक, सत्यनारायण शर्मा, महेश शर्मा, राजेश जीनगर, कन्हैयालाल माली, इकबाल आदि सैकडो की संख्या में मौजूद थे।






